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2 Hand Bowler का हुनर तोड़ रहा दम।

:- INDIAN Cricket को दे सकता उम्दा आयाम :- मजदूर का बेटा बन सकता है बेहतरीन INDIAN Bowler :- एक हांथ से स्पिन तो दूसरे हांथ से घुमाता है चाइनामैन की फ़िरकी :- तंगहाली बन रही राह का रोड़ा :- दोनों हांथो से बॉलिंग करने वाले कानपुर के बॉलर को सुनिये। हुनर तो भारत के कोने - कोने में बेसुमार है पर उसे परखने वाले जौहरी मुह फेरे हुये हैं कुछ ऐसा ही हुनर कानपुर के एक छोटे से गाँव में रहने वाले अभिषेक चंदेल के अंदर है लेकिन उस हुनर का प्रदर्शन सही पटल पर करने के लिये उसकी गरीबी और मुफ़लिसी सबसे बड़ा रोड़ा बन चुकी है। अभिषेक चंदेल भी उसी कानपुर शहर से है जहां से कुलदीप यादव बतौर चाइनामैन गेंदबाज के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। कुलदीप के पिता एक मध्यमवर्गीय व्यापारिक परिवार से ताल्लुक रखते थे जिसकी वजह से उन्हें उस तंगहाली का सामना नही करना पड़ा जिस दौर से आज अभिषेक चंदेल गुज़र रहा है अभिषेक के पिता मजदूरी करते हैं जिसकी कमाई से परिवार भी नही चल सकता। इस लिए अभिषेक स्वयं भी एक गेंहू गोदाम में रात्रि पहरेदारी (चौकीदार) का काम करता है और सुबह अपने गाँव सरायमीता के पास स्थित राम लखन नामक एक ग्राउंड में अपने हुनर को रोज निखारने का प्रयत्न करता है। अभिषेक तंगहाली की वजह से अब तक किसी भी क्लब या क्रिकेट एकाडमी में दाखिला नही ले सका है लेकिन अपने हुनर के दम पर नेपाल के हिमालयन टीम का हिस्सा बन चुका है IPL की राजस्थान रॉयलस कि सिलेक्टर्स टीम भी अभिषेक का हुनर देख चुकी है लेकिन हर क़ामयाबी से ठीक पहले छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिये पैसों की कमी बड़ी मुसीबत बन आ खड़ी होती है अभिषेक बताते हैं कि उसके पास इस्पाइकर शू (जूते) न होने कारण उसका शिलेक्शन होते-होते रह गया फिर से उसे कुछ दिनों बाद इस्पाइकर शू पहनकर आने को कहा गया है लेकिन 10-12 हज़ार क़ीमत का इस्पाइकर शू और क्रिकेट एकेडमी की एडमिशन फ़ीस अभिषेक की राह का रोड़ा बन रहा है। अभिषेक आज भी फटे हुये सिंपल स्पोर्ट शूज़ ही पहनकर अपनी किस्मत लिखने का प्रयास कर रहा है जो न काफ़ी है। अभिषेक चंदेल लेफ्ट हैंड से लेफ्ट आर्म चाइनामैन और लेफ्ट आर्म स्पिनिंग के साथ ही राइट हैंड से राइट आर्म मीडियम फ़ास्ट & ऑफ़ ब्लैक की बॉलिंग तो करता ही है साथ ही एक अच्छे बैट्समैन का भी हुनर रखता है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड में राजीव शुक्ला, यूपीसीए में सिंघानियां परिवार और KCA में डॉ संजय कपूर इसी कानपुर शहर के निवासी हैं लेकिन शायद अब तक इन बड़े घरानों के दरवाज़े अभिषेक चंदेल जैसे हुनरमंद बॉलर के लिये नही खुल सके हैं।

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