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"कानपुर में शराब की खेप बरामदगी जारी"

"कानपुर में शराब की खेप बरामदगी जारी"

:- आबकारी बताये कौन से गोदाम की है शराब,

:- बारकोड से तुरंत होती है शराब माफिया की पहचान,
:- आबकारी की चुप्पी का मतलब सब गोलमाल है,

:- अब काकादेव पुलिस ने बरामद की शराब की खेप।





शराब की बोतल पर लगा बारकोड यह बताने के लिये पर्याप्त होता है कि शराब जिले के कौन से गोदाम की है और उसे कब गोदाम से निकाला गया है लेकिन अब तक बरामद हुई शराब की खेपों की जांच के बाद आबकारी विभाग यह बताने के नाकाम रहा है कि शराब किस गोदाम से ब्लैक हुई और असली शराब माफ़िया कौन है।

कानपुर शहर में अब तक लग्जरी वाहनों से शराब की खेप  पुलिस के हत्थे लग रही थी लेकिन अब शराब माफ़िया अपने चेलों के घरों को महखाना बनाकर शराब के आशिकों तक महंगे दामों में शराब पहुचा रहे हैं।
कानपुर की काकादेव पुलिस ने स्थानीय मुखबिर की सटीक सूचना पर छापामार कर वीरू सटोरिया नाम से पहचाने जाने वाले यूवक के घर से अंग्रेजी शराब की 12 पेटियां बरामद करते पड़ोस में रहने वाले यूवक को हिरासत में लिया है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने जिस घर से शराब की खेप बरामद की है उस घर से किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी नही की है बल्कि पड़ोस में रहने वाले एक यूवक को हिरासत में लिया है।

"शराब माफिया जिस शातिराना अंदाज में शराब की तस्करी कर रहे हैं उससे यह माना जा सकता है कि आबकारी विभाग सिर्फ पेड़ के पत्ते ताक रहा है और जानबूझकर शराब माफिया रूपी पेड़ की जड़ या तने पर वार करने से मुह चुरा रहा है"।

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