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पार्षद पति अंकित शुक्ला अरेस्ट हुए या किया सरेंडर

कानपुर- पार्षद पति अंकित शुक्ला अरेस्ट हुए या किया सरेंडर कानपुर कमिश्नरेट पुलिस क्यों थपथपा रही अपनी नाकामी पर पीठ पिछले लगभग एक सप्ताह से कानपुर कमिश्नरेट पुलिस और राजनीतिक धुरंधारों के बीच लपक-झपक चल रही थी पुलिस के अफसरनों को भी पता था कि जिस भाजपा पार्षद सौम्या शुक्ला के पति अंकित शुक्ला पर गिरफ़्तारी वाली गंभीर धाराए बढ़ाई गई हैं वह अपने भाजपाई आकाओं के संरक्षण में है कानपुर पुलिस कमिश्नर के आदेश पर आरोपी अंकित शुक्ला और उनके चार अन्य साथियों पर 25-25 हज़ार का इनाम घोषित कर दिया गया। इनाम घोषित होते ही संरक्षण दे रहे आकाओं को मिर्ची लग गई फ़िर क्या था दल बल के साथ भाजपाई पहुंच गए पुलिस कमिश्नर ऑफिस का घिराओ करने। जरा देखिए कैसे कानपुर पुलिस कमिश्नर के सामने ही अपनी ताकत का अहसास कराया जा रहा है। ख़ैर कोई बात नहीं भीड़ और सत्ता बल के कारण पुलिस कमिश्नर दो चार बाते सुन ली लेक़िन बिना कोई बात माने सम्मानित सत्ताधारियों को अपने कार्यालय से रुकसत कर दिया। अब तक आरोपियों को संरक्षण दे रहे आकाओं को भी समझ आ चुका था कि उनके दबाव और प्रभाव वाली राजनीति का कोई असर कानपुर कमिश्नरेट पुलिस पर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है और दूसरी तरफ़ पीड़ित अमोलदीप भाटिया के समर्थक मेडिकल व्यापारी लामबंद होकर दुकाने बंद करने की तैयारी कर रहे है फ़िर क्या था कानपुर पुलिस के अफसरनों ने आरोपियों को संरक्षण दे रहे सत्ताधारियों को गुपछुप अंतिम अल्टीमेटम दे दिया और फ़िर क्या था आनन फानन में नेताओं की गाड़ियों का काफिला पुलिस ऑफिस पहुंच गया और प्लानिंग के तहत पार्षद पति अंकित शुक्ला और उनके साथियों ने सरेंडर कर दिया। अब हैरानी की बात तो यह रही कि जब कानपुर के चर्चित IPS आनंद प्रकाश तिवारी के सामने आरोपियों ने सरेंडर किया था तो फ़िर रायपुरवा थाना पुलिस पुलिस ऑफिस के पास से अंकित शुक्ला और उनके साथियों की अरेस्टिंग क्यों दिखा रही है आख़िरकार झूठ के बल पर पीठ थपथपा रायपुरवा पुलिस पूरे कमिश्नरेट पुलिस को झूठा क्यों साबित कर रही है।

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