Breaking News

header ads

"कानपुर DM पर भारी नौबस्ता थानेदार"



:- नौबस्ता थाना क्षेत्र में चलती है सिर्फ थानेदार की कारगुजारी,

:- अवैध कारोबारी से नौबस्ता थानेदार की यारी,

:- तहरीर आम आदमी दें या फिर सरकारी अधिकारी,

:- सब पर थानेदार का टका सा जवाब "है जांच जारी"।

ज़िले के मुखिया भले ही उत्तर प्रदेश शासन की ज़ीरो टॉलरेंस नीति की तर्ज पर कार्य करने का दम भरते हो लेकिन उनके मातहत उनकी एक नही सुनते जिसका सीधा कारण उच्च अधिकारियों द्वारा आने वाली प्रत्येक शिकायत पर कार्यवाही का फॉलोअप न लेना और फिर कुछ समय बात भूल जाना है।

कानपुर ज़िला अधिकारी के पास इन दिनों कानपुर विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष का भी प्रभार है।प्राधिकरण सीमा क्षेत्र में मनमाने ढंग से अवैध विकास कार्य किये जा रहे हैं जिन्हें रोकने के लिए KDA उपाध्यक्ष ब्रह्मदेव राम तिवारी आये दिन सख्त से सख्त कार्यवाही का आदेश देते हैं लेकिन उनके आदेश और फ़रमान थानेदार की टेबल तक आते-आते ठंडे पड़ जाते हैं।

KDA ज़ोन-4 प्रवर्तन टीम द्वारा नौबस्ता थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले यशोदा नगर क्षेत्र में संचालित पेट्रोल पंप को दिनांक 25 जून 2020 को सील कर निगरानी हेतु थाना नौबस्ता पुलिस की अभिरक्षा में सुपुर्द कर दिया था नौबस्ता पुलिस की सुपुर्दगी में सील पेट्रोल पंप पर सील की डील में क्या कुछ हो रहा है उसकी तस्वीर आपके सामने है।

सील की डील पर जब KDA उपाध्यक्ष डॉ ब्रह्देव राम तिवारी से बात की गई तो उनका साफ कहना था कि त्वरित कार्यवाही की जायेगी आप भी सुनिये KDA उपाध्यक्ष का बयान।

ज़िला अधिकारी उर्फ़ KDA उपाध्यक्ष ने यह बयान 07 जुलाई को दिया था जिसके क्रम में KDA संयुक्त सचिव के०के० सिंह ने सील पेट्रोल पंप पर अवैध ढंग से डीजल-पेट्रोल बिक्री किये जाने और प्रशासनिक आदेश की अवहेलना करने के सम्बंध में थाना नौबस्ता प्रभारी को 07 जुलाई को ही उक्त पेट्रोल पंप मालिक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर त्वरित कार्यवाही हेतु तहरीर दी थी लेकिन नौबस्ता थाना अध्यक्ष आशीष शुक्ला ने अब तक अवैध पेट्रोल पंप संचालक के विरुद्ध कोई कार्यवाही नही की है।

अब आप आसानी से समझ सकते हैं कि उच्च अधिकारियों के आदेश मात्र कर देने भर से कुछ नही होता क्योंकि हर जगह अवैध कारोबार करने वाले आर्थिक क्रिमिनल की ढाल बहुतेरे मातहत बन बैठे हैं जो थोड़े से व्यक्तिगत लाभ के लिये प्रशासनिक आदेशों की न-फरमानी तो करते ही हैं बल्कि आर्थिक अपराध को भी बढ़ावा देने में मददगार होते हैं।

Post a Comment

0 Comments