Breaking News

header ads

"शिक्षा का मंदिर या कब्रगाह"??

शिक्षा जरूरी या जिंदगी ? नव निहालों की जिंदगी से खिलवाड़ क्यों ? कब खुलेगी प्रशासन की आंखे ? जरा इन तस्वीरों को देखिये ......... यह तस्वीरें देखने में किसी भूतियां खंडहर से कम नही लगती लेकिन हक़ीक़त में यह भी एक विद्या का मंदिर है जिसे हम विद्यालय के नाम से पहचानते हैं। कानपुर महानगर के क़िदवई नगर अंतर्गत आने वाले जूही क्षेत्र स्थित इस विद्यालय का नाम जीपीजी हायर सेकेंडरी स्कूल है यह स्कूल सरकारी है और इस सरकारी स्कूल में विद्या गृहण करने वाले छात्र किसी ऊंचे घराने से ताल्लुक नही रखते लेकिन अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिये ऊंचे सपने अपने दिलों में जरूर संजोय हुये हैं जो कभी भी इस खंडहर के मलवे में दब कर दम तोड़ सकते हैं। विद्यालय के जर्जर भवन की दीवारों पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है कि यह इमारत जर्जर है और कभी गिर सकती है लेकिन शायद इन शब्दों को समझने वाला तब तक कोई सामने नही आएगा जब तक यह जर्जर इमारत किसी की क़ब्रगाह न बन जाये। कानपुर महानगर उत्तर प्रदेश का वह शहर है जिस शहर से उत्तर प्रदेश की कमान संभाल रही सत्ताधारी पार्टी के 7 विधायक 2 सांसद और वर्तमान मेयर प्रमिला पांडेय उर्फ अम्मा जी आती हैं इसी शहर से उत्तर प्रदेश सरकार के रसूखदार कद्दावर मंत्री सतीस महाना,नीलिमा कटियार जैसे पॉवरफुल मंत्री आते हैं सिर्फ़ इतना ही नही उत्तर प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले इस अहम शहर के प्रभारी मंत्री होने का ज़िम्मा स्वयं उत्तर प्रदेश के डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्या के कंधों पर होने के बाउजूद सरकारी विद्यालय की ऐसी तस्वीर दिखाई देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण होने के साथ-साथ सरकार की साख़ पर भी कई प्रश्न चिन्ह खड़े करता है क्योंकि यह क़ब्रगाह रूपी भूतियां खंडहर नुमा विद्यालय भी BJP के विधायक महेश त्रिवेदी की क़िदवई नगर विधानसभा क्षेत्र में आता है।

Post a Comment

0 Comments