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कानपुर में लखनऊ के लेवाना होटल जैसा अग्नि कांड

कानपुर में लखनऊ के लेवाना होटल जैसा अग्नि कांड 20 बच्चों की जिंदगी फस गई थी मौत की बिल्डिंग पर सचान चौराहे पर स्थित चार मंजिला बिल्डिंग में आग रेस्क्यू कर बच्चों की बचाई गई जान देखिए कैसे भागे मौत की बिल्डिंग में कोचिंग चलाने वाले । कानपुर के सचान चौराहे पर बनी विवेक सचान की चार मंजिला बिल्डिंग में आज सुबह तकरीबन साढ़े 9 बजे आग लग गई। बिल्डिंग के अवैध बेसमेंट में सुजुकी बाइक का सर्विस सेंटर संचालित था इसी सर्विस सेंटर से शुरू हुई आग ने पूरी बिल्डिंग को अपनी चपेट में ले लिया। चार मंजिला बिल्डिंग के 4th floor में ग्लोबल कैरियर एकादमी नाम से कोचिंग संचालित हो रही थी जिसमें आग लगने के समय लगभग 20 स्टूडेंट पढ़ाई कर रहे थे जो कि आग की लपटों में लपटी बिल्डिंग के मध्य फस चुके थे जिन्हें बचाने के लिए फायर विभाग को रेस्क्यू चलाना पड़ा और बिल्डिंग के बाहर सीढ़ी लगाकर सभी बच्चों को बड़ी ही कठिनाई से बचाया गया। अग्निग्रस्त बिल्डिंग का सच:- विवेक सचान द्वारा संचालित जिस बिल्डिंग में आग लगी थी वह पूरी तरह से अवैध थी बिल्डिंग KDA स्वीकृत मानचित्र के अनुरूप नहीं बनी थी बिल्डिंग में फायर सेफ्टी नियमों को ताक पर रखा गया था बिल्डिंग में अवैध रूप से बनाए गए बेसमेंट के अंदर सुजुकी बाइक का सर्विस सेंटर संचालित हो रहा था जिसकी जद बगल की बिल्डिंग में बने बेसमेंट तक है बेसमेंट के ऊपर बगल की बिल्डिंग में सुजुकी बाइक का शोरूम संचालित हो रहा है जो कि नियम के अनुरूप नहीं है। अग्निकांड वाली विवेक सचान की बिल्डिंग का प्रत्येक फ्लोर किराए पर उठाया गया था जबकि जानकारी के मुताबिक बिल्डिंग आवासीय प्रयोज्य हेतु बनाई गई थी बिल्डिंग में कोई भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है जबकि यह बिल्डिंग मेन रोड पर बनी है। 

KDA - दमकल और केस्को विभाग का था पूरा खेल:-

बिल्डिंग बनने में KDA अधिकारियों ने मनचाही छूट दी थी जिसकी वजह से नियम विरुद्ध बिल्डिंग बन कर खड़ी हो गई। दमकल विभाग के अधिकारियों ने भी अपनी आंखे बंद कर रखी थी और बिना सेफ्टी नाउंस पूर्ण किए बिल्डिंग का भरपूर व्यवसायिक उपयोग हो रहा था। इसी तरह बिना केस्को विभाग भी विवेक सचान पर खूब महेरबान रहा बिना अन्य संबंधित विभागों से NOC प्राप्त किए थी बिल्डिंग के विभिन्न उपयोग कर्ताओं को विद्युत कनेक्शन देता चला गया। जिसकी वजह से यह अवैध बिल्डिंग धन उगलने की ATM मशीन बन गई थी । अग्नि कांड वाली इसी बिल्डिंग के बगल में मातृ छाया अस्पताल वाली बिल्डिंग है जिसमें अभी कुछ माह पहले ही एक अवैध फ्लोर का निर्माण किया गया था जिसे रोकने के बजाए KDA अधिकारियों ने कागजी घोड़े दौड़ाते हुए कोई कार्रवाई नहीं की। 

शहरियों को मौत के मुहाने पर खड़ा कर रहे प्रशासनिक अफ़सर:-

 कानपुर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में KDA अधिकारियों के नकारापन की वजह से बहुमंजिला अवैध बिल्डिंग बनती जा रही हैं प्राधिकरण के जे०ई० और ए० ई० से लेकर पूरा का पूरा कहकमा अवैध इमारतों पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति करता है जबकि अवैध इमारतें बनकर संचालित भी हो जाती हैं और KDA कुछ नहीं करता। यह अवैध बिल्डिंगे कब किसे अपनी चपेट में ले लेंगी कहा नहीं जा सकता। इन हादसों की वजह सिर्फ और सिर्फ जिम्मेदार अफ़सर हैं जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी का सही से निर्वाहन नहीं किया।

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