जानिए क्या होती है पेट्रोल लाइन ....
पेट्रोल लाइन में पेट्रोल कहा से आता है और कहा जाता है ..
कितने किलोमीटर लंबी है पेट्रोल लाइन
शुरू हुआ पेट्रोल लाइन का मेंटिनेंस कार्य
बरौनी से कानपुर तक भूमिगत बिछी है पेट्रोल लाइन
1227 किमी० लंबी है अंडर ग्राउंड पेट्रोल लाइन
1524 करोड़ की लागत से वर्ष 1966 में डाली गई थी पेट्रोल लाइन
भारत में ज्यादातर लोग नहीं जानते पेट्रोल लाइन के रहस्य
पेट्रोल लाइन के रहस्य से पर्दा उठाने वाली देखिए ख़बर
क्या आपने कभी सोचा है आपके घरों में खड़ी गाड़ियों और घरों में जो ईधन उपयोग होता है अखिर वह भारत में किस रास्ते से आता है और कहा कैसे जाता है
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सबसे पहले जमीन के नीचे या समुद्र की सतह से पेट्रोलियम निकाला जाता है। जानकारी के लिए बता दें पेट्रोलियम पेट्रोल नहीं होता है। बल्कि पेट्रोलियम में कई चीजे पायी जाती है। पेट्रोलियम का डिस्टिलेशन करने के बाद उसमें से सभी चीजों को अलग-अलग कर लिया जाता है जिसमें – पेट्रोल, डीजल, केरोसीन आदि पाया जाता है।
भारत के पास पहले से ही तीन अंडरग्राउंड स्टोरेज फैसिलिटी है. इन्हें 4100 करोड़ की लागत से बनाया गया था. इनमें करीब 5.33 मिलियन टन क्रूड ऑयल स्टोर किया जा सकता है.
एक रिजर्व विशाखापट्टनम में है जिसमें 1.33 MMT ऑयल रखा गया है. दूसरा 1.50 मिलियन टन की क्षमता वाला रिजर्व मंगलोर में है. इसकी क्षमता का एक-चौथाई तेल स्टोर किया गया है. तीसरा स्टोर कर्नाटक के पादूर में है
अब बात करें बरौनी से लेकर कानपुर तक 1227 km तक बिछी पेट्रोल लाइन की जिसे 1966 में डाला गया है
इंडियन आयल के प्रचालन प्रबंधक नागेंद्र सिंह ने बताया कि वर्ष 1966 में बरौनी से पेट्रोलियम लाइन चकेरी स्वर्ण जयंती बिहार शतबरी सैनिक चौराहा यशोदानगर पशुपतिनगर नौबस्ता दामोदरनगर सहित अन्य जगहों से होते हुये पनकी टर्मिनल तक आई है।
पाइप लाइन शुरू होने के बाद मालगाड़ी और ट्रकों से पेट्रोल डीजल लाने के झंझट से मुक्ति मिल गई और प्रतिवर्ष खर्च होने वाला मालभाड़ा भी बच गया। 1524 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित इस पाइप लाइन का संचालन भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन ने किया l
इस पाइप लाइन से कानपुर, लखनऊ, आंवला, शाहजहांपुर, बैतालपुर, ईस्टर और सेंट्रल में गोंडा, गोरखपुर, दक्षिणी उत्तराखंड में काठगोदाम और उत्तरी बिहार के मुजफ्फरपुर में पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति आसानी से की जाती है l
बरौनी-हल्दिया पाइपलाइन, परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों को हल्दिया बंदरगाह तक पहुँचाती है और कच्चे तेल को बरौनी रिफाइनरी में वापस लाती है।
फ़िर बरौनी-कानपुर पाइपलाइन परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों को बरौनी से कानपुर तक ले जाती है।
(v) इस पाइप के नुनमती-बंगईगांव खंड का उपयोग बोंगाईगांव पेट्रो-रसायन परिसर के लिए कच्चे माल के परिवहन के लिए किया जाता है।
(vi) पश्चिम बंगाल के दक्षिणी भाग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हल्दिया-राजबंध-मौरीग्राम पाइपलाइन का निर्माण किया गया है।
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