IPS vs Inspector
जब एक IPS अफ़सर को थाना अध्यक्ष ने बक दी थी गालियां
गालियों से भारी आर्डियो वायरल होने पर IPS ने ख़ुद वादी बन दर्ज कराई थी एफआईआर
एफआईआर लिखने और चार्टशीट लगने के बाउजूद मिल गई तैनाती
कानपुर के मलाईदार थाने का प्रभारी है IPS को गरियाने वाला इंस्पेक्टर दुबे।
किसी भी महकमें में जब जूनियर अधिकारी अपने सीनियर मातहतों की इज्ज़त करना छोड़ उन्हें गरियाने लगे तो इसे अनुशासन हीनता कहते हैं किसी भी महकमें में ऐसे अनुशासनहीन अफ़सर को उसी नज़र से देखा जाता है जैसे कि पुलिस किसी अपराधी को निहारती है जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश की। जहा अनुशासन को सर्वोपरि मानकर CM योगी जनता हितों के लिए कठोर से कठोर निर्णय लेने में तनिक भी वख्त नहीं लगाते लेकिन कुछ एक ऐसे शातिर इंस्पेक्टर हैं जो अपने छल कपट और फ़रेब के बल पर जिम्मेदारों की नजरों में धूल झोंककर बच निकलते हैं।
कानपुर के फजलगंज थाना क्षेत्र में विगत माह एक सब इंस्पेक्टर अनूप सिंह ने ज़हर खाकर अपने प्राण त्याग दिए थे दिवंगत सब इंस्पेक्टर की पत्नी पूनम ने फजलगंज थाने में तैनात महिला सिपाही शिवानी लाटियान के विरुद्ध एफआईआर दर्ज़ कराई थी पूनम के मुताबिक़ पति अनूप को प्रेम जाल में फसाकर महिला सिपाही ब्लैक मेल कर रही थी जिससे प्रताड़ित होकर सब इंस्पेक्टर ने ज़हर खाया और इलाज़ के दौरान दम तोड़ दिया । आपको यह तो जानकारी होगी ही कि जिस बख्त यह घटना घटी उस समय फजलगंज थाने में बतौर प्रभारी देवेंद्र दुबे तैनात थे घटना के तुरंत बाद बैक डेट में आरोपी महिला सिपाही को छुट्टी दिलाकर फरार कराने में देवेंद्र दुबे का अहम रोल रहा है जिसका आरोप दबी ज़ुबान से विभागीय पुलिस कर्मियों ने लगाते हुए यह भी जानकारी दी थी कि देवेंद्र दुबे और आरोपी महिला सिपाही के बेहद करीबी संबंध थे जिसके कारण आरोपी महिला सिपाही थाने में अपना हुक्म चलाती थी। आरोप प्रत्यारोप के मध्य देवेंद्र दुबे को फजलगंज थाने के प्रभारी पद से हटाते हुए तुरंत कल्याणपुर थाने का प्रभारी बना दिया गया। जहा पर वह अपने फर्ज़ को वर्तमान समय में अंजाम दे रहे हैं।
एंकर- कानपुर पुलिस कमिश्नर महोदय को शायद यह जानकारी नहीं होगी ऐसा हम मान कर चलते हैं और आपको बताते हैं कि तब क्या हुआ था जब देवेंद्र दुबे के चर्चे उत्तर प्रदेश के पुलिस मुख्यालय से लेकर IPS लॉबी तक मशहूर हो गए थे उत्तर प्रदेश के एक होनहार चर्चित IPS अफ़सर को ख़ुद ही वादी बनकर देवेंद्र दुबे के विरुद्ध एफआईआर तक दर्ज़ करानी पड़ गई थी।
वर्ष 2016 में देवेंद्र दुबे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थिति गाज़ीपुर थाना प्रभारी थे तैनाती के दौरान देवेंद्र दुबे का एक आर्डियों वायरल हुआ जिसमें वह अपने ही महकमें के एक IPS अफ़सर को गरियाते हुए सुनाई दे रहे थे साख़ पर लग रहे बट्टे को भाप IPS अफ़सर ने देवेंद्र दुबे के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज़ करा दी लेकिन सेटिंग गेटिंग के मास्टर माने जाने वाले देवेंद्र दुबे ने IPS द्वारा दर्ज़ कराई गई एफआईआर की विवेचना में खुद को पाक साफ़ साबित करा लिया। जानकारी मिलते ही IPS ने फिर जोर मारा और री-विवेचना करा दी इस बार देवेंद्र दुबे के खिलाफ फाइनल रिपोर्ट नहीं बल्कि चार्टशीट वर्ष 2020 में फाइल हो गई। यह पुरा मामला IPS नवनीत सिकेरा और इंस्पेक्टर देवेंद्र दुबे के मध्य का है।
देवेंद्र दुबे आज भी कानपुर के मलाईदार थाने कहे जाने वाले पुलिस थानों में बतौर प्रभारी हैं जबकि अपने उच्च अधिकारी की इज्ज़त तार तार कर देने वाले ऐसे पुलिस अधिकारियों पर क्या कार्रवाई होती है यह किसी से छुपी नहीं है।
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