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सचेंडी की निकम्मी पुलिस। जब पीड़ित पक्ष क़ो पुलिस के लिए "निकम्मे" शब्द का प्रयोग करना पड़ा।।

सचेंडी की निकम्मी पुलिस। जब पीड़ित पक्ष क़ो पुलिस के लिए "निकम्मे" शब्द का प्रयोग करना पड़ा।। कानपुर के एक और मैंनेजर थानेदार की करतूत। पीड़ित की गई जान। कार्रवाई करने के बजाए मैनेज करते रहे मामला। बीती आठ मार्च क़ो सचेंडी थाना क्षेत्र के गंभीरपुर में शराब पीने से मना करने पर दबंगों ने पीड़ित क़ो जमकर पीट दिया इस दौरान बीच बचाओ करने आई महिलाओं क़ो भी दबंगों ने नहीं छोड़ा। दबंगों की गुंडई का शिकार हुए पीड़ित क़ो गंभीर हालत में फ़ारचून हॉस्पिटल में एडमिट कराना पड़ा जहां आज उसकी डेथ हो गई। मारपीट की पूरी घटना CCTV में कैद थी लेक़िन सचेंडी थाने के थानेदार शैलेन्द्र सिंह ने अपनी करिश्माई कलम से ठोस कार्रवाई करने के बजाए आरोपी पर महज़ 151 की कार्रवाई कर मामला मैनेज करते रहे लेक़िन जब पीड़ित की मौत हो गई तो परिजनों ने सीधे तौर मैंनेजर साहब शैलेन्द्र सिंह क़ो कठघरे में खड़ा करते हुए खूब खरी खोटी सुनाते हुए डेड बॉडी रखकर अस्पताल के बाहर हंगामा कर दिया। अब मैंनेजर साहब के चहेते अफसर पूरे मामले क़ो दबाने में जुट गए हैं लेक़िन सोचना तो उन्हें चाहिए जिन्होंने कानून का राज कायम करने की जिम्मेदारी अपने कंधो पर ले रखी है।

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