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अमेरिका ने अंतरिक्ष कमान की स्थापना की, ट्रंप बोले- देश की सुरक्षा के लिए अहम



अमेरिका का मानना है कि आगे चलकर रूस और चीन जैसे देश अंतरिक्ष में उसके लिए खतरा बन सकते हैं। इसे देखते हुए ट्रंप सरकार ने अंतरिक्ष कमान की स्थापना की है।
 

अमेरिका ने ‘भविष्य के युद्ध क्षेत्र’ अंतरिक्ष में अपने हितों की रक्षा करने के लिए अंतरिक्ष कमान की स्थापना की है। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने गुरुवार को आधिकारिक रूप से इस कमान को लॉन्च किया। जनरल जॉन डब्ल्यू रेमंड को नवगठित अमेरिकी अंतरिक्ष कमान का कमांडर नियुक्त किया गया है। इस कमान की स्थापना अमेरिकी सेना की 11वीं एकीकृत लड़ाकू कमान के तौर पर की गई है। वाइट हाउस के रोज गार्डन में आयोजित औपचारिक समारोह में ट्रंप ने कहा, ‘यह बड़ी पहल है। नवगठित लड़ाकू कमान ‘स्पेसकॉम’ अंतरिक्ष में अमेरिकी हितों की रक्षा करेगी... जो अगला युद्ध क्षेत्र होगा।’ इस समारोह में अन्य गणमान्य लोगों के साथ अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस और रक्षामंत्री मार्क एस्पर भी मौजूद थे। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि रूस और चीन अंतरिक्ष में अमेरिका के लिए संभावित खतरा पैदा कर सकते हैं।

ट्रंप ने कहा, ‘अब जो भी अमेरिका का अहित करने की मंशा रखेगा  हमें अंतरिक्ष में चुनौती देने की कोशिश करेगा, उसे बड़ी कीमत चुकानी होगी। हमारे विरोधी नई तकनीकों की मदद से अमेरिकी उपग्रहों को निशाना बनाकर पृथ्वी की कक्षाओं का शस्त्रीकरण कर रहे हैं, ये उपग्रह युद्ध क्षेत्र अभियानों और हमारे जीने के तरीके के लिए महत्वपूर्ण हैं।'

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के खिलाफ दागी गई मिसाइलों का पता लगाकर उन्हें नष्ट करना अंतरिक्ष में संचालन की हमारी आजादी के लिए जरूरी है।राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमने जमीन, हवा, समुद्र और साइबर जगत को युद्ध क्षेत्र के रूप में पहचाना है और अब हम अंतरिक्ष को एक स्वतंत्र क्षेत्र समझेंगे जिस पर एकीकृत लड़ाकू कमान निगरानी रखेगी।’

ट्रंप ने कहा कि अंतरिक्ष कमान के बाद जल्द ही सेना की छठी ईकाई के तौर पर अमेरिकी अंतरिक्ष बल की स्थापना की जाएगी। यह बल स्पेसकॉम मिशन के लिए सैनिकों को प्रशिक्षित करने और साजोसामान मुहैया कराने में मदद करेगा। गौरतलब है कि अमेरिकी अंतरिक्ष कमान की दोबारा स्थापना की गई है। वर्ष 1985 से 2002 के बीच भी यह अस्तित्व में था।
 





















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