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विभिन्न मांगों को लेकर लेखपालों ने दिया धरना

(आशीष अवस्थी)

       क्राइम इंस्पेक्टर से वार्ता करते अधिवक्ता


घाटमपुर। वेतन उच्चीकरण, पेंशन विसंगति को दूर किए जाने एवं आवश्यक आधारभूत सुविधाएं व संसाधन उपलब्ध कराए जाने व अन्य विभिन्न मांगों को लेकर तहसील घाटमपुर के लेखपाल, उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के बैनर तले  आंदोलनरत रहे। 

समस्त लेखपालों ने तहसील परिसर में इकट्ठा होकर सरकार द्वारा राजस्व परिषद से अनुशंसित लेखपालों की मांगों पर मुख्य सचिव द्वारा उच्चाधिकारियों को बार बार निर्देशित करने के बावजूद  मांगें पूरी न होने पर रोष व्यक्त किया और आगामी 17 सितंबर से योजनाबद्ध ढंग से आंदोलन की धार तेज करने के मकसद से विभिन्न धरना प्रदर्शन करने Iकी बात कही। लेखपालों द्वारा राज्य सचिव को संबोधित एक प्रत्यावेदन भी उप जिलाधिकारी घाटमपुर को सौंपा गया। 

इस अवसर पर लेखपाल संघ की घाटमपुर इकाई के अध्यक्ष राम कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि लेखपाल राजस्व प्रणाली का सबसे महत्वपूर्ण पुर्जा है, जो राज्य सरकार  की महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे किसान सम्मान योजना, वृक्षारोपण लोक सभा चुनाव समेत अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं में रात दिन परिश्रम कर कार्य करता है। परंतु शासन द्वारा लगातार लेखपाल संवर्ग की उपेक्षा की जा रही है। जिससे आहत होकर प्रदेश के 32000 लेखपाल आंदोलन करने को बाध्य हैं। 

इस अवसर पर लेखपाल संघ के महामंत्री नवनीत मिश्र ने कहा कि लेखपालों की जायज मांगों को राजस्व परिषद द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद राज्य सचिव द्वारा निर्देशित किये जाने के बाद भी लागू ना किए जाना उपेक्षा की पराकाष्ठा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा उप जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में लेखपालों ने सर्वप्रथम वेतन उच्चीकरण कर न्यूनतम ग्रेड पे 2800 करने की मांग की व विभिन्न स्थानों पर वेतन विसंगति को खत्म किए जाने की बात कही। 

 ई डिस्ट्रिक्ट, ई-गवर्नेंस आय जाति निवास खतौनी आदि कार्यों को पूर्णतया कंप्यूटरीकृत कर दिया गया है, जिसके परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकार के पास सभी लेखपालों को लैपटॉप टैबलेट उपलब्ध कराने का बजट पड़ा हुआ है। जिनकी शीघ्र खरीद की मांग भी की गई है। ज्ञापन में कहा गया है कि मांगें न माने जाने की सूरत में 17 सितंबर से वृहद आंदोलन प्रारंभ किया जाएगा। 

लेखपाल का पदनाम राजस्व उपनिरीक्षक करने की मांग की


मुख्य सचिव को सौंपे ज्ञापन में लेखपालों ने पदनाम को बदलने के लिए शासनादेश जारी कराने की बात कही है। लेखपालों ने उदाहरण दिया है कि पूर्व में गिरदावर कानूनगो को परिवर्तित कर सुपरवाइजर कानूनगो तत्पश्चात  भूलेख निरीक्षक तदोपरांत वर्तमान में राजस्व निरीक्षक कर दिया गया। इसी प्रकार से ग्राम सेवक के पद को ग्राम विकास अधिकारी में परिवर्तित भी किया गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि इसी प्रकार लेखपाल के पदनाम को राजस्व उपनिरीक्षक पद नाम दिए जाने की सैद्धांतिक मंजूरी राजस्व परिषद की अध्यक्षा द्वारा दी जा चुकी है। जिसे अमलीजामा पहनाने के लिए केवल शासनादेश की आवश्यकता है। पदनाम बदलने पर वित्तीय व्यवस्था पर किसी प्रकर का परिवर्तन नहीं होता। लेखपालों ने पदनाम को बदल कर राजस्व उपनिरीक्षक करने की मांग की।

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