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"पुलिस पर लग रहे आरोप पर क्या कहेंगे आप" ?


:- पुलिस सेवा नही कर रही दाम बटोर रही,

:- थाने चौकी से लेकर सड़क तक दाम ही दाम,

:- हर काम के मनमाफ़िक दाम,

:- बीपी नापने की धमाकी देकर वसूल ली रकम,

:- आरोप दर आरोप से घिरी कानपुर पुलिस ।



जिनको सिपहसालार समझा वही वसूली बाज़ निकले, जी हां यह हम नही कह रहे हैं यह तो पुलिस पर लग रहे आरोप चरित्रार्थ कर रहे हैं।


कल मीडिया ब्रेक ने कानपुर के बिठूर थाने में तैनात रहे सब स्पेक्टर सूरज सिंह चौहान की मदिरावाणी प्रसारित की थी जिसमें सब स्पेक्टर अपने महकमें की तारीफ करते हुये बता रहा था कि पुलिस सेवा में मेवा का बटवारा कैसे होता है।

पेशे से पुजारी अपनी पत्नी को दुपहिया वाहन पर बैठाकर उनकी सैलरी निकलवाने जा रहा था तभी पुजारी की गाड़ी चेकिंग के नाम पर कल्याणपुर थाने के चर्चित पुलिस कर्मियों ने रोक ली और पेपर दिखाने को कहा जिस पर पुजारी अपने दुपहिया वाहन के पेपर नही दिखा सका। वाहन के पेपर न होना कानून अपराध है अतः जघनन अपराध के लिये सम्बंधित पुलिस अधिकारी ने पुजारी को भद्दी गालियों से नवाज दिया। गालियों का विरोध करते हुये पुजारी ने अपने आपको बीपी का मरीज बताया तो चर्चित पुलिस अधिकारी पुजारी को मारते हुये बीपी नापने के लिये थाने ले गये फिर "हर के दाम" का सुरु हो गया खेल।
पीड़ित पुजारी ने अपनी जमानत के लिये कोर्ट ले जाने,पुलिस कर्मियों को चाय पानी और फिर अपना वाहन छुड़वाने के नाम पर अलग-अलग दाम दिये जिसके बदले पुजारी को सेनेटाइज लठ्ठ मिले जिसका प्रमाण अपने बदन में छपी लाठियों के निशान दिखाकर पीड़ित पुजारी कल्याणपुर पुलिस पर गंभीर आरोप लगा रहा है ।

यदि पुजारी के आरोपों को सत्य मानले और सब-स्पेक्टर सूरज सिंह चौहान की मदिरावाणी की तुलना की जाये तो बहुत कुछ आईने की तरह साफ़ हो रहा है।

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