:- उधारी की रकम मांगना पड़ा भारी,
:- उधारी की रकम की जगह मिली थी लाठियां,
:- खून से लथपथ पीड़ित पहुचा था थाने,
:- लॉक डाउन का बहाना कर काकादेव पुलिस ने टरकाया,
:- छुब्द पीड़ित ने की आत्महत्या,
:- कानपुर पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में ।
कोरोना काल में पुलिस विभाग द्वारा जनहित में किये जा रहे कार्यों की चौतरफा सराहना हो रही है वही कानपुर की काकादेव थाना पुलिस पर बड़ी लापरवाही का आरोप लग रहा है जिसकी वजह से एक पीड़ित यूवक ने मौत को गले लगा लिया ।
थाना काकादेव सर्वोदय नगर रेलवे लाइन निवासी अजय कुमार दादा नगर स्थित इंक फैक्ट्री में कई वर्षों से काम कर रहा था। मृतक अजय कुमार के बड़े भाई पवन ने बताया कि भाई अजय ने फैक्ट्री से फंड का 48 हज़ार रुपये निकाला था अजय ने मोहल्ले के निवासी अमरनाथ को उधार पैसे दिए थे। वापस मांगने पर अमरनाथ और उसके पुत्र शरद, अनिकेत और पड़ोसी आकाश सिंह ने भाई के साथ मारपीट उसे लहूलुहान कर दिया। परिजन उसे लेकर थाने गए। लेकिन वहां कोई सुनवाई नहीं हुई और पुलिस ने कोरोना खत्म होने के बाद रिपोर्ट लिखाने की बात कही। जिसके बाद से आरोपी लगातार भाई अजय को लगातार धमकी दे रहे थे। जिससे वह काफी डरा हुआ था। आगे बताया कि सोमवार देर रात डिप्रेशन में आकर भाई अजय ने कमरे में पंखे के कुंडे से साड़ी के सारे फांसी लगाकर जान दे दी। सुबह सो कर उठे तो जानकारी हुई। परिजनों ने आरोप लगाया कि आरोपी लगातार अजय पर रिपोर्ट लिखाने पर जान से मारने की धमकी दे रहे थे। जिस कारण अजय ने तनाव में आकर फांसी लगाकर जान दे दी।
यदि काकादेव पुलिस ने पीड़ित अजय की फरियाद समय से सुन ली होती तो शायद आज अजय को जीवित होता ।
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