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"आईजी मोहित अग्रवाल देख ले अपने मातहतों की करतूत"



- अपराधी से यारी में भुला दिया आई०जी० साहब का आदेश,

- आई०जी० के आदेश पर भारी अपराधी से यारी,

- छोटे मोटे अपराधी को ऐसे ही दिया जाता है बढ़ावा,

- पीड़ित को कब मिलेगा न्याय ?



आई०जी० मोहित अग्रवाल ने बीती 17 अगस्त 2020 को अपने ज़ोन के सभी पुलिस कर्मियों को अपराधियों से दूरी बनाकर रखने के लिखित आदेश जारी किये थे जो काफ़ी समय तक प्रभावी भी रहा लेकिन तनावग्रस्त कानपुर पुलिस के थानेदार शायद अब आईजी साहब के आदेश को भूल चुके हैं वैसे भी थाने का सिस्टम बिना अपराधी के अधूरा रहता है फिर चाहे तो अपराधी थाने की सलाख़ों के पीछे हो या फिर थानेदार साहब की कुर्सी के बगल में। 

यह जो तस्वीर आप देख रहे हैं वह प्रशासनिक मास्क वितरण कार्यक्रम की है मास्क वितरण और जनता को जागरूक करने के लिये नौबस्ता थाना पुलिस ने क्षेत्र में कार्यक्रम का आयोजन किया था जैसा कि आप मास्क वितरण की तस्वीर से समझ भी गये होंगे लेकिन जरा इसी तस्वीर में नौबस्ता थाना प्रभारी कुंज बिहारी के ठीक बगल की कुर्सी में बैठे यूवक को गौर से देख लीजिये यह साहब शायद नौबस्ता थानेदार के लिए बेहद ईमानदार और जनप्रिय हो सकते हैं लेकिन हक़ीक़त में तुच्छ टाइप का अपराधी मात्र है जिस पर नौबस्ता थाने में ही आपराधिक मुक़दमे दर्ज हैं अभी हाल ही में इस अपराधी पर गुंडा एक्ट भी पाबंद की गई है लोग इसे इमरान टैंकर के नाम से पहचानते हैं।

ज़रा पीड़ित की भी सुनिये -

पीड़ित गुलरेज आलम जो कि नौबस्ता थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले राजीव नगर में रहते हैं गुलरेज का आरोप है कि इमरान टैंकर ने उनकी ईको स्पोर्ट कार को दबंगई के बल पर जबरन छीन लिया है और स्टाम्प पेपर में फर्जी लिखा पड़ी बनवाकर उसकी कार को हड़प करना चाहता है जिसकी शिक़ायत भी उसके द्वारा कई बार नौबस्ता थाना पुलिस से की गई पर नौबस्ता पुलिस आरोपी के विरुद्ध कार्यवाही करने के बजाये याराना निभा रही है।



"छोटे मोटे अपराधियों से तुच्छ सा लाभ लेने के लिये अक्सर थानेदार जैसी प्रतिष्ठित सीट पर बैठे लोग उनका हौसला बढ़ा देते हैं जिसका खामियाजा आम जनता सहित पूरे सिस्टम को भुगतना पड़ता है।"

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