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"कानपुर में T-सीरीज़ का भोकाल जारी है"


- उन्नाव रेप कांड के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर का रुतबा है बरक़रार,

- रुतबे के बूते बन कर खड़ी हो गई रिश्तेदार की बिल्डिंग,

-अवैध निर्माण कर्ता का पुलिस,प्रशासन और प्राधिकरण को करारा तमाचा,

- T सीरीज़ गैंग का कारनामा देखिये।



यह जो नई नवेली बिल्डिंग आप देख रहे हैं वह कृष्ण कुमार सिंह की है कानपुर विकास प्राधिकरण के अनुसार बिल्डिंग अवैध है जिसे दिनांक 23 अक्टूबर 2019 को सील किया जा चुका है लेकिन सिंह साहब ने सरकारी सील तोड़कर निर्माण पुनः सुरु कर दिया। मीडिया में ख़बर आई तो KDA के प्रवर्तन प्रभारी ने बाबूपुरवा कोतवाली में भवन मालिक के विरुद्ध दिनांक 18 दिसंबर 2019 को एफआईआर दर्ज करा दी। लेकिन यह तो कागजों पर चल रहा था हक़ीक़त समझनी है तो एफआईआर दर्ज किये जाने के दिन की तस्वीर पर गौर कीजिये और फ़िर दूसरी तस्वीर आज की है जो बिल्डिंग और खेल की वास्तविकता बया कर रही है।

जरा रुकियेगा अभी तो खेल के क़िरदारों से रूबरू होना बाक़ी है क्योंकि पर्दा के पीछे है T सीरीज गैंग।

भवन मालिक - कृष्ण कुमार सिंह

KDA संयुक्त सचिव - के०के० सिंह 

KDA सचिव - एस०पी सिंह

वर्तमान KDA उपाध्यक्ष- आर०के०सिंह

पूर्व थाना अध्यक्ष बाबूपुरवा - अमित तोमर

पूर्व थाना अध्यक्ष बाबूपुरवा - राजीव सिंह

क्षेत्राधिकारी बाबूपुरवा - आलोक सिंह 

यह जो साहेबान है न वह सभी कागजों पर तो चिड़िया उड़ाते रहे लेकिन हक़ीक़त सिर्फ इतनी है कि अवैध भवन निर्माण पूर्ण होने के जिम्मेदार भी यही हैं या यूं कहें कि अवैध निर्माण को कम्प्लीट कराने के लिये सभी ने अपने दायित्वों को दरकिनार करते हुये अपनी आंखें बंद कर ली। जानकारों की माने तो ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि कृष्ण कुमार सिंह का रिश्ता उन्नाव गैंग रेप कांड के रसूकदार आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर के घराने से है अब तो आप पूरी पिक्चर समझ ही गये होंगे। 

*अब जरा अंधेरगर्दी भी देख लीजिये -*  KDA द्वारा जिस क़िदवई नगर एम ब्लाक की बिल्डिंग को अवैध करार देते हुये पहले सील फिर एफआईआर दर्ज कराई गई थी उसी बिल्डिंग में विद्युत कनेक्शन के लिये KDA सचिव एस०पी० सिंह का नो-आब्जेक्शन प्रमाण पत्र की कॉपी आपके सामने है जिसे मीडिया ब्रेक की टीम ने केस्को के बारादेवी सब स्टेशन के अधीक्षण अभियंता से हासिल किया है जब इस पत्र की पुष्टि KDA सचिव एस०पी० सिंह से की गई तो उन्होंने पत्र को तो फर्जी बता दिया लेकिन उनके हस्ताक्षर से जारी हुये फर्जी पत्र के संदर्भ में वह कोई कार्यवाही नही करेंगे क्योंकि मामला अब तक आप ख़ुद समझ गए होंगे। इसीलिये हम कह सकते हैं कि यूपी में T-सीरीज़ का भोकाल कायम है।

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