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चपरासी लेबल के कर्मियों को नगर निगम कानपुर ने बना दिया अधिकारी

 

कानपुर नगर निगम ने राजस्व निरीक्षक के पदों पर बैठाये चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी

 सालों से R.I. जैसे आधिकारिक पद को बना रखा है खिलवाड़

 मृतक आश्रित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और हेड मुहर्रिर को दे दी गई अहम जिम्मेदारी 

 आयोग से चुने गए केंद्रीयत पदों पर आसीन किये गए चतुर्थ श्रेणी कर्मी

 केन्द्रीयत सेवा आयोग के द्वारा होता है राजस्व निरीक्षक का चयन

   नगर निगम ने खुद ही बनाया RI 2nd का अवैध पद।

 कानपुर में अजब नगर निगम की गजब कार्यप्रणाली का सच आज हम आपको बताएंगे। बताएंगे कि कैसे कानपुर नगर निगम में सालों से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पद पर बैठा उनसे एक अधिकारी का काम कराया जा रहा है।

 जी हां, कानपुर में यह सब खुलेआम हो रहा है वह भी राम राज्य वाली सरकार में। कानपुर नगर निगम जिसका मुखियां एक IAS लेबल का अधिकारी होता है और मेयर उर्फ़ महापौर शहर की प्रथम नागरिक के साथ - साथ नगर निगम सदन की अध्यक्षा होती है उनके नाक के नीचे खुलेआम मदमस्त खेल बड़े पैमाने पर खेला जा रहा है। कानपुर नगर निगम के अंतर्गत 6 जोन आते हैं इन 6 जोनों में 60 राजस्व निरीक्षक के पद हैं जिनमें राजस्व निरीक्षक (R.I) तैनात हैं परंतु उत्तर प्रदेश शासन की गाइड लाइंस के विरुद्ध अपनी मन मर्जी से कानपुर नगर निगम के अधिकारियों ने राजस्व निरीक्षक-2 (R.I-2) नामक पद का सृजन कर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों (हेड मोहर्रिर,नायब मोहर्रिर,सामाजिक कार्यकर्ता आदि) को राजस्व निरीक्षक के पद पर तैनाती दे दी गई है राजस्व निरीक्षक-2 के पद पर तैनाती के बाद अब यह सभी (चतुर्थ,तृतीय श्रेणी) के कर्मचारी केन्द्रीयत सेवा आयोग द्वारा चयनित राजस्व निरीक्षक के समान पद पर बैठकर उनके समान अधिकृत कार्य कर रहे हैं जबकि असिसमेंट (दाखिल खारिज) गृह कर बढ़ाना-घटाना आदि जैसे अति महत्वपूर्ण कार्य अपनी क़लम और मोहर के साथ निष्पादित कर आम जनता के साथ खुले आम छलावा कर रहे है। ऐसा भी नही की यह खेल कोई अभी सुरु हुआ हो बल्कि सालों से यह खेल बदस्तूर जारी है और कानपुर नगर निगम के सर्वोच्च पद पर बैठे मातहत अनजान बन बैठे हैं।

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