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यूपी पुलिस का घिनौना सच

सुनिये यूपी के वर्तमान दरोगा दयाशंकर की ज़ुबानी... उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारी किस हद तक गिर सकते हैं यह अंदाजा लगाना अब मुश्किल नही है क्योंकि उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में तैनात एक वर्दीधारी दरोगा अपने ही विभाग की पोल खोल रहा है कि किस तरह से थानेदार किसी भी निर्दोष को फर्जी गिरफ्तार कर फ़र्जी लूट का माल लगाकर लुटेरा बना देती है। जी हां, यह जो शख्स आज आपके सामने पुलिसियां वर्दी में खड़ा है इसका नाम दयाशंकर वर्मा है वर्तमान समय में यह दरोगा पद पर तैनात है वर्ष 2014 में कानपुर के बर्रा थाने के इंस्पेक्टर संजय मिश्रा, दरोगा बीरेंद्र कुमार, शीतला प्रसाद, प्रमोद सिंह ने मिलकर मनोज गुप्ता,मोनू सिंह और नीतू नाई नामक बेकसूर युवकों को फ़र्जी लूट की वारदात में फंसा कर जेल भेज दिया था इन बेकसूर युवकों पर जो माल सोना-चांदी बरामदगी दिखाई गई वह भी पुलिस वालों ने अपने पैसे से एक ज्वैलरी शॉप से खरीदकर लगाई थी जिसका विरोध उस समय दयाशंकर ने किया था इंसानियत और अपने फर्ज को समझते हुये दयाशंकर ने अपने ही थानाध्यक्ष संजय मिश्रा के विरुद्ध सबूत सहित बिगुल फूंक दिया था और स्वयं यूपी CM योगी आदित्यनाथ तक जा पहुचा था CM योगी ने साक्ष्य देखकर आरोपी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए थे लेकिन अब तक योगी का आदेश ठंडे बस्ते में ही पड़ा रहा लेकिन अब कानपुर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने CM के आदेश को ध्यान में रखते हुये DCP साउथ रवीना त्यागी को आरोपी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु निर्देश जारी कर दिए है।

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