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आर्मी की वर्दी है नाक पोछने का रुमाल नही

कानपुर में भारतीय सेना की वर्दी का हो रहा अपमान...धृतराष्ट्र की भूमिका में @IAS अरविंद सिंह भारतीय सेना की गरिमा उनकी वर्दी से होती है हर देश भक्त हिंदुस्तानी, भारतीय सेना की वर्दी के सामने सजदा करता है लेकिन उत्तर प्रदेश के कानपुर में तैनात एक IAS ऐसा भी है जिसने अपना भोकाल मेंटेन करने के लिये भारतीय सेना की वर्दी के सम्मान भी तार-तार कर दिया। कानपुर विकास प्राधिकरण के वर्तमान उपाध्यक्ष @ias_Arvind_Singh ने चार्ज संभालते ही निर्णय लिया कि कानपुर विकास प्राधिकरण में अब रिटायर्ड आर्मी के जवानों को तैनात किया जायेगा। इसी निर्णय के साथ पूर्व में तैनात होमगार्डों को कानपुर विकास प्राधिकरण से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। KDA VC अरविंद सिंह के आदेश पर 52 रिटायर्ड आर्मी के जवानों को हायर कर लिया गया। यह रिटायर्ड आर्मी के जवान वर्तमान में KDA भवन,KDA उपाध्यक्ष के बंगले सहित उनकी निजी सुरक्षा एवं सेवा में 24 घण्टे तैनात हैं। KDA उपाध्यक्ष अरविंद सिंह (IAS) कर रहे आर्मी की वर्दी का अपमान -कोई भी रिटायर्ड भारतीय सेना का जवान किसी भी सिवेलियन की नौकरी करते समय भारतीय सेना की ऑफिशियल वर्दी का उपयोग नही कर सकता। - भारतीय सेना की वर्दी का उपयोग गार्ड के रूप में,निजी सुरक्षा कर्मी की पोशाक के रूप में नही किया जा सकता। - आईपीसी की धारा 140 व 171 के तहत स्थानीय पुलिस के अतिरिक्त स्वयं संबंधित सेना के अधिकारी भी उक्त वर्दीधारी व्यक्ति अथवा उपयोग कराने वाले व्यक्ति/अधिकारी पर एफआईआर दर्ज कर कार्यवाई कर सकते है। - वर्ष 2017 से भूतपूर्व सैनिको के सेना की वर्दी पहन कर अन्य जगहों पर सेवाएं देने पर लग चुकी है रोक। कानपुर में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू है और IPS अधिकारियों की एक लंबी लिस्ट है इसके बाउजूद स्वरूप नगर थाने से महज़ 500 मीटर की दूरी अथवा यू कहें कि KDA पुलिस चौकी के सर पर KDA उपाध्यक्ष उर्फ़ IAS अरविंद सिंह सेना की वर्दी की गरिमा को तार-तार कर अपनी मनमर्जी करने में आमादा है। IAS अरविंद सिंह से ऊपर DM कानपुर और मण्डलायुक्त उर्फ़ अध्यक्ष कानपुर विकास प्राधिकरण डॉ राजशेखर भी हैं इसी ज़िले में हैं लेकिन शायद उन्हें भी घमंडी IAS अरविंद सिंह से डर लगता है। इसी वजह से वह सब जानते हुये भी अंजान हैं।

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