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योगी सरकार को KDA अधिकारियों ने दिया धोखा

भूमाफियाओं की आड़ में गरीब जनता के आशियानों में चला दिया बुल्डोजर दोषी KDA अधिकारियों सहित तहसील कर्मियों को दिया अभयदान दोषी अफसरानों से योगी सरकार कब कराएगी रिकवरी ? बुल्डोजर का दंश झेल चुके मजलूमों को कब मिलेगा योगी सरकार से न्याय ? सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को कानपुर विकास प्राधिकरण के अफसरानों ने धोखे में रखकर माफियाओं के खिलाफ़ चलने वाले बुल्डोजर को गरीब मजलूमों पर चलाकर साबित कर दिया कि वह अपने दोषी अधिकारियों को कैसे बचाते हैं। बीती 21 अप्रैल 2022 को कानपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने दल बल के साथ कानपुर के बिनगवा-पहाड़पुर में दस्तक दी और एक ही झटके में 49 पक्के मकानों को बुल्डोजर से जमीदोश कर दिया। इसके साथ ही अन्य लोगों को हिदायत भी दी गई कि अगला नंबर आप लोगों का है क्योंकि जिस जगह पर आप लोगों ने घर बनवाएं हैं वह कानपुर विकास प्राधिकरण की अर्जित भूमि है। स्थानीय लोगों ने यह भूमि BACL नामक प्राइवेट कंपनी से क्रय कर बकायदा नियमानुसार रजिस्ट्री एवं तहसील से म्यूटेशन भी कराया था वर्ष 2017 से 2021 के मध्य जब यह लोग BACL कंपनी से अपने आशियाने के लिए भूमि खरीद रहे थे उस समय संबंधित तहसील के लेखपाल और KDA के सम्बन्धित जे०ई० सहित अन्य अधिकारियों ने यहां की जनता को आश्वस्त किया था कि यह लैंड बिल्कुल पाक - साफ़ हैं। नियम कहता है कि ...... प्राधिकरण सीमा अंतर्गत आने वाले समस्त भूमियों का नक्शा स्वीकृत म्यूटेशन आदि का अधिकार सिर्फ और सिर्फ़ प्राधिकरण के पास है। प्राधिकरण सीमा अंतर्गत आने वाले शहरी अथवा ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाली टाउनशिप व्यवसायिक भवन या फिर रिहायशी भवनों का मानचित्र सिर्फ प्राधिकरण ही कर सकता है। ऐसे हुआ खेल :- BACL कंपनी ने किसान से भूमि का बैनामा कराया फिर उस भूमि गरीब मजलूमों को प्लाटिंग के माध्यम से टुकड़े - टुकड़े कर बेंच दिया। खरीददरों ने BACL से खरीदी गई भूमि को बकायदा रजिस्ट्री के माध्यम से खरीदते हुए संबंधित तहसील से म्यूटेशन भी करा लिया। वर्तमान समय में KDA अधिकारियों को याद आया कि यह भूमि उनकी है और इस भूमि को विक्रय करने मानचित्र स्वीकृत करने सहित म्यूटेशन का अधिकार उनका है न की तहसील का। और फिर चला दिया गया बुल्डोजर। हकीकत में KDA के जिम्मेदार अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी उस समय नहीं निभाई जिस समय BACL इस भूमि को क्रय विक्रय कर रहा था और जब घर बिना स्वीकृत मानचित्र के बन रहे थे सिर्फ इतना ही नही जब तहसील के लेखपाल से लेकर SDM तक प्राधिकरण के अधिकारों को ओवररूल कर धड़ल्ले से म्यूटेशन कर रहे थे उस समय KDA के मान्यवर अधिकारी चुप्पी साधे हुए जानबूझकर कर अंजान बने थे। जिन लोगों के भवन गिराये गए हैं वह तो अंजान थे लेकिन जानबूझकर BACL जैसी भूमाफियां गैंग का साथ देने वाले जिम्मेदार KDA सहित तहसील अधिकारियों से रिकवरी कर इन बेघरों के घरौंदे को अब रौशन किया जाना चाहिए।

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