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कानपुर पुलिस कमिश्नरेट मांग रहा नये पुलिस थाने बनाने के लिए जमीन

KDA पहले से ही बेचे बैठा है पुलिस थानों की आरक्षित लैंड कानपुर पुलिस कमिश्नरेट मांग रहा नये पुलिस थाने बनाने के लिए जमीन ... KDA पहले से ही बेचे बैठा है पुलिस थानों की आरक्षित लैंड (कानपुर) KDA ले-आउट प्लान में पुलिस थानों के लिये आरक्षित भूमियों को KDA अधिकारियों ने पहले ही डाला बेच प्रत्येक ले - आउट प्लान में आरक्षित थी पुलिस स्टेशन्स सहित अन्य जन सुविधाओं की भूमि MediaBreak पर बड़ा खुलासा । कानपुर विकास प्राधिकरण अंतर्गत बनने वाले प्रत्येक ले-आउट प्लान्स (योजना प्लान) में पुलिस स्टेशन टेलीफोन एक्सचेंज,बैंक,डाकघर आदि जनसुविधाओं से जुड़ी भूमि आरक्षित थी परंतु KDA अधिकारियों ने अपने निजी हित के लिये अपने चहेतों को आरक्षित बेसकीमती भूमियों को बिना उ०प्र० शासन से भूप्रयोग परिवर्तन (लैंडयूज चेंज) कराये ही इनलीगल ढंग से बेच डाला। जिसकी वजह से ही कानपुर महानगर में बहुतेरे पुलिस थाने और चौकियां आज भी अवैध कब्जाकर संचालित हो रही हैं। वर्तमान कानपुर पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने विगत दिनों KDA सचिव शत्रोहन वैश्य को पत्र जारी कर कानपुर महानगर में बनने वाले 8 नवीन पुलिस थानों के लिये भूमि दिये जाने का अनुरोध किया था जिस पर अब तक KDA ने कोई जवाब पुलिस कमिश्नर को नहीं दिया है। इसी मध्य अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन अवनीश अवस्थी ने कानपुर महानगर में 4 नये पुलिस थानों को बनाये जाने की स्वीकृति दे दी। लेकिन बड़ा सवाल जस का तस बना हुआ है कि बनने वाले नवीन पुलिस स्टेशन (ज़ाजमऊ, हनुमंत विहार, रावतपुर, गुजैनी पुलिस स्टेशन) के लिये जो भी KDA योजना प्लान्स में समस्त मानकों के अनुरूप आरक्षित थी उन्हें अवैध ढंग से विक्रय किया आखिरकार क्यों कर दिया गया ??? विभिन्न योजनाओं के प्रदर्शित ले - आउट प्लान में दर्शायी गई भूमि का भू-प्रयोग आज भी पुलिस स्टेशन के लिये ही है परंतु भूमि शेष नहीं है जबकि बिना भू प्रयोग परिवर्तन कराये भूमि का क्रय विक्रय और निर्माण पूरी तरह अवैध है। प्राधिकरण मामलों के जानकार दिनेश सचान ने KDA के कारीगर अफसरों की पोल खोलते हुए स्पष्ट कहा कि KDA के भ्रष्ट अधिकारियों ने ही शहर को अनियोजित बना रखा है जिसकी वजह से शहर कंक्रीट के जंगल में तब्दील हो रहा है आने वाले समय में KDA अफसरों की करतूतों का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा।

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