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कानपुर हिंसा का एक और सूत्रधार एटीएस और एसआईटी की रडार पर

सूत्रो के हवाले से खबर है कि बाबा बिरयानी के तार भी जुड़े हैं क्राउडफंडिंग से। जांच एजेंसियों की पूंछ तांछ में जफर हयात हाश्मी ने उगला है बाबा बिरयानी का नाम शत्रु संपत्ति और प्राचीन मंदिर कब्जाने के लग चुके हैं आरोप कानपुर मेयर प्रमिला पांडेय लगा चुकी हैं फटकार सूत्रो के अनुसार कानपुर हिंसा के मास्टर माइंड जफर हयात हाश्मी और उसके साथियों की रिमांड के बाद जांच एजेंसियों द्वारा की गई पूंछतांछ में कई अहम राज सामने आये हैं सूत्रो के मुताबिक जांच एजेंसियों ने सबसे ज्यादा फोकस जफर हयात हाश्मी को क्राउड फंडिंग करने के मामले में किया है क्योंकि बिना फंडिंग के हिंसा के लिए भीड़ एकत्रित करना संभव नहीं होता। जफर हयात ने अब तक मुख्य रूप से बिल्डर हाज़ी वसी, बाबा बिरयानी सहित अन्य कई क्रिमिनल्स के नाम पूंछ तांछ में उगले हैं। जो जफर हयात को फंडिंग के साथ साथ अन्य तरीकों से भी मदद करते थे। जांच एजेंसियों को यह भी पता चला है कि कानपुर में पत्थरबाजी के लिए उन्नाव जनपद से लोगों को बुलाया गया था जिसके खाने पीने की व्यवस्था आदि बाबा बिरयानी द्वारा की गई थी। बाबा बिरयानी का नाम कानपुर हिंसा से पूर्व दस्तावेजों में हेरफेर कर शत्रु संपत्ति कब्जाने सहित मंदिर के एक हिस्से को तोड़कर बिरयानी की दुकान खोले जाने पर भी आ चुका है। ये होती है शत्रु संपत्ति:- भारत-पाकिस्तान बटवारे के समय एवं वर्ष 1965 अथवा 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद पाकिस्तान जाकर वहा की नागरिकता लेने वालो की भारत में मौजूद संपत्तियां शत्रु संपत्तियां कहलाती हैं। वर्तमान समय में इन संपत्तियों पर सिर्फ़ भारत सरकार का ही अधिकार है।

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