पाकिस्तान में बैठा आतंकी बोलता है भारत में बैठे नुमाइंदे करते हैं फालों
पाकिस्तानी आतंकी के वाट्सएप ग्रुप में जुड़े लोगों पर बड़ा खुलासा
पाकिस्तानी आतंकी के वाट्सएप ग्रुप पूरे भारत में एक्टिव
कानपुर समेत कई शहरों के लोग पाकिस्तानी आतंकी के वाट्सएप ग्रुप में हैं जुड़े।
पाकिस्तान में बैठे आतंकी भारत के विभिन्न शहरों में फैले स्लीपरसेल्स तक अपनी बात पहुंचाने के लिये बड़ी संख्या में वाट्सएप ग्रुप्स का खुलेआम स्तेमाल कर रहे हैं इन वाट्सएप ग्रुपों का संचालन पाकिस्तान से ही किया जा रहा है सबसे खास बात तो यह है कि इन वाट्सएप ग्रुपों में भारत के खिलाफ जमकर हेट स्पीच (भारत विरोधी भड़काऊ) दिये जाते हैं सिर्फ़ इतना ही नही इन आतंकी ग्रुपों में भारत विरोधी प्रचार सामग्री भी खूब प्रसारित की जाती है जिन्हें भारत में बैठे लोग सुनते और देखते हैं।
पाकिस्तान में एक्टिव तहरीक लब्बैक, तहरीक सिराते मुस्तकीम जैसे आतंकी संगठनों के संचालक अशरफ़ आशिफ जलाली द्वारा TheDrJalali Official नाम से दर्जनों की तादात में वाट्सएप ग्रुप बनाये गये हैं इन रूपों में भारत के विभिन्न शहरों के लोगों को लिंक के मध्यम से एड किया गया है ग्रुपों में बतौर मेंबर जुड़े सदस्य लगातार इन ग्रुपों में एक्टिव रहते हैं जिनके विषय में कोई विशेष जानकारी किसी को भी नही है लेकिन वाट्सएप ग्रुपों में जिस तरह से भारत विरोधी गतिविधियां प्रसारित की जाती हैं उससे यह कहा जा सकता है इन ग्रुपों में जुड़े कई लोग स्लीपरसेल्स की भूमिका निभा रहे होंगे क्योंकि अपने देश के विरुद्ध किसी आतंकी की बात निरंतर सुनते रहना किसी आम नागरिक की पहचान तो नही हो सकती।
कानपुर शहर के सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी ने स्वयं पड़ताल कर कई आतंकी ग्रुपों की पहचान की है साथ ही दर्जनों ऐसे वाट्सएप नंबरों का खुलासा किया है जो बतौर स्लीपरसेल इन आतंकी ग्रुपों में सदस्य बन भारत विरोधी गतिविधियों का हिस्सा बने हुए हैं। कौसर हसन मजीदी ने साक्ष्य सहित शिकायत कानपुर प्रशासन से लेकर भारत सरकार तक लिखित रूप से की है लेकिन अब तक किसी भी जांच एजेंसी ने इतने गंभीर मामले का संज्ञान तक नहीं लिया है।
आपको बताते चले कि वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के कानपुर सहित अन्य विभिन्न शहरों में हो रही हिंसा का जिम्मेदार नूपुर शर्मा को बताते हुए बकायदा फतवा तक जारी किए जाने का जिक्र है जो कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिहाज़ से भी बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में ग्रुप में जुड़े सभी सदस्यों की जांच किया जाना बेहद है।
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