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फर्जी वोटर कार्ड,पैन कार्ड के आधार पर बनवाया खाद्य सुरक्षा लाइसेंस

1992 में लांग टर्म वीजा लेकर भारत आये पाकिस्तानी नागरिक पर दर्ज हुआ विदेशी अधिनियम सहित अन्य धाराओं में मुकदमा पाकिस्तानी नागरिक ने कानपुर में रहते हुए बिना भारतीय नागरिकता के बनवाएं अहम दस्तावेज फर्जी वोटर कार्ड,पैन कार्ड के आधार पर बनवाया खाद्य सुरक्षा लाइसेंस कानपुर न्यायालय के आदेश पर जूही थाना पुलिस ने विदेशी अधिनियम सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पड़ताल सुरु कर दी है। आलम चंद्र इसरानी जो कि वर्तमान समय में कानपुर के बर्रा स्थित किराये के मकान में रहते हैं और इसी क्षेत्र में बेकरी शॉप चलाते है। वर्ष 1992 में वह लांग टर्म वीजा लेकर पाकिस्तान से भारत आये थे तब से वह समय-समय पर वीजा अवधि बढ़वाते रहे। आलम चंद्र को 5 जुलाई 2013 को भारतीय नागरिकता दे दी गई। शिकायतकर्ता आलोक कुमार ने आलम चंद्र पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि आलम चंद्र मूल रूप से पाकिस्तानी हैं वह वर्ष 1992 में लांग टर्म वीजा लेकर भारत आये और कानपुर के बर्रा स्थित किराये के मकान पर रहने लगे। धीरे - धीरे आलम चंद्र ने बिना भारतीय नागरिकता लिये भारतीय मतदाता पहचान पत्र जैसे अहम दस्तावेज बनवा लिये। सिर्फ इतना ही नही आलम चंद्र ने पाकिस्तानी नागरिक होते हुए मूल भारतीय सुविधाओं को भी हासिल किया। दिनांक 29/11/2012 को आलम चंद्र ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर कानपुर कलेक्ट्रेट से खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्य लाइसेंस बेकरी संचालन हेतु जारी करा लिया। आलम चंद्र इसरानी ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि हम 1992 में पाकिस्तानी मुसलमानों से आजिज आकर लांग टर्म वीजा पर परिवार सहित भारत आ गए थे हमने कोई अपराध नहीं किया है मेरा वोटर आई डी प्रशासनिक गलती से बन गया था मुझे वर्ष 2013 में भारतीय नागरिकता मिली है परिवार के अन्य सदस्यों (दोनो पुत्र) को भी नागरिकता नही मिली है। *"Media Break के पास आलम चंद्र इसरानी का वह खाद्य लाइसेंस है जिसे उसने वर्ष 2012 में कानपुर कलेक्ट्रेट से बेकरी शॉप संचालन हेतु बनवाया था जबकि इस दौरान वह भारतीय नागरिक नही था जाहिर सी बात हैं खाद्य लाइसेंस बनवाने में वोटर आई डी इत्यादि दस्तावेजों का उपयोग किया गया जो कि संदेह हेतु काफ़ी है।"*

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