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बलवंत सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने कानपुर देहात पुलिस की खोल दी कलई

कानपुर देहात:- बलवंत सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने कानपुर देहात पुलिस की खोल दी कलई बलवंत के शरीर पर मिले 22 चोटों के निशान पुलिस की बर्बर पिटाई से बलवंत का शरीर पड़ गया था नीला बड़ा सवाल बलवंत के हत्यारे पुलिस वाले कब भेजे जाएंगे जेल ?? सूबे की योगी सरकार द्वारा पुलिस की शक्तियां लगातार बढ़ाई जा रही हैं बढ़ती हुई शक्तियों का प्रयोग कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के बजाए अब निर्दोषों की बर्बरता पूर्ण हत्या के लिए किया जा रहा है जिसका जीता जागता प्रमाण कानपुर देहात पुलिस ने पेश किया है। बलवंत सिंह जिसे बिना किसी साक्ष्य के ही कानपुर देहात पुलिस ने उठाया था और फिर जबरन जुर्म कबूल कराकर फर्जी खुलासा करने का मंसूबा पाले बैठे पुलिस वालो ने बलवंत को ऐसी बर्बरता पूर्ण यातनाएं दी कि उसने दम तोड़ दिया। मृत बलवंत की डेड बॉडी को अकबरपुर अस्पताल में डाक्टरों की मिलीभगत से उपचार हेतु भर्ती कराया गया। जी हां, डेड बॉडी का उपचार ... सुनिए डेड बॉडी का उपचार करने वाले होनहार डॉक्टर का बयान ... पुलिस अधीक्षक की कुर्सी पर आसीन यह साहिबा सुनीति हैं जिन्हें अपनी नीति भले ही पसंद न हो लेकिन अपने धूर्त निर्लज आरोपी पुलिस अधिकारियों की रिपोर्ट पर पूरा भरोसा है जिसके आधार पर कैमरे के सामने आकर बड़ी ही सफाई से आरोपी पुलिस कर्मियों के मन मुताबिक बयान जारी कर दिया जिससे आरोपी पुलिस कर्मियों को बल मिल सके जरा सुनिए पुलिस अधीक्षिका का फरेबी बयान .... कानपुर नगर के पोस्टमार्टम हाउस में बलवंत सिंह की डेड बॉडी का पोस्टमार्टम होने के बाद जो रिपोर्ट आई है वह साफ़ बया कर रही है कि किस तरह से जबरन जुर्म कबूल कराने के लिए बलवंत को थर्ड डिग्री टार्चर दिया गया उसे धूर्त पुलिस वालो ने इतना पीटा की उसके पूरे शरीर पर 22 चोटें मिली हैं और यातनाओं को वजह से पूरा शरीर नीला पड़ा है जिसकी पुष्टि बलवंत का पार्थिव शरीर तो पहले ही कर चुका था और उसे पीटा जा रहा था यह भी बलवंत के परिजन के इस बयान से स्पष्ट है सुनिए बयान .... जिस तरह से कानपुर देहात के यह CO साहब परिजनों से मुंह चुरा रहे हैं इससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि इन्हें अपने मातहतों की कारगुजारी के बारे में पूरी जानकारी थी कि किस तरह से SOG प्रभारी प्रशांत गौतम थाना अध्यक्ष शिवली थाना रनिया सहित अन्य पुलिस कर्मियों ने बलवंत की बर्बरता पूर्ण पिटाई कर जबरन फर्जी गुड़वर्क करने के लिए जुर्म कबूल कराने का प्रयत्न किया था और इसी बर्बरता पूर्ण पिटाई से बलवंत ने दम तोड़ दिया अब जब हत्या जैसे गंभीर धाराओं में आरोपी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हो चुकी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी यह बता रही है कि बलवंत की मौत पिटाई से हुई है तो फिर आखिरकार हत्यारे पुलिस वालो को सलाखों के पीछे क्यों नहीं भेजा जा रहा है ?

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