Breaking News

header ads

कानपुर में पुलिस क्यों रही है पिट ?

कानपुर में पुलिस क्यों रही है पिट ? पिटती पुलिस से भद रही ख़ाकी की पिट साहब ! हल्का भारी मत देखिए नहीं तो रक्षक नहीं रहेंगे सुरक्षित आम जनता को सुरक्षा देने के लिए पुलिस विभाग बनाया गया था लेकिन जब पुलिस विभाग के खाकीधारियों पर गुंडे हमलावर हो जाए भरी पब्लिक उन्हें पीट दिया जाए और आरोपियों पर कार्रवाई के नाम पर वरिष्ठ अधिकारी हीला हवाली करते दिखाई दे तो सवाल खड़े होना लाज़िमी है। कानपुर में एक हिस्ट्रीशीटर का गुर्गा सैम ख़ाकी वर्दीधारी सिपाही को ड्यूटी के दौरान पीटता है उसकी गर्दन पकड़कर धक्का देता है खाकीधारी सिपाही दुष्यंत को अपनी हनक पहुंच और रुतबे से रूबरू कराता है लेकिन कानपुर पुलिस कमिश्नरेट का शोशल मीडिया हैंडल इस वीडियो को काफ़ी पुराना करार दे देता है अब जरा अभद्रता का शिकार हुए खाकीधारी दुष्यंत कुमार की वर्दी पर लगे इस पुलिसिया लोगो को ध्यान से देखिए जिसे अभी हाल ही में लांच किया गया है जो की दुष्यंत कुमार की पुलिसिया वर्दी पर भी मौजूद है यह नया पुलिसिया लोगो कानपुर कमिश्नरेट पुलिस के शोशल मीडिया हैंडल के द्वारा जारी बयान को खारिज़ करने के लिए शायद पर्याप्त है। सिपाही दुष्यंत कुमार की पिटाई का वीडियो जैसे - जैसे वायरल हो रहा था वैसे - वैसे कमिश्नरेट पुलिस की नींद टूट रही थी आखिरकार कानपुर कमिश्नरेट पुलिस के DCP सेंट्रल रविंद्र कुमार ख़ुद के कमरे पर सामने आए और दुष्यंत कुमार के गुनहगारों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज़ कराकर कड़ी कार्रवाई की बात कहते हुए दिखाई दिए। अब जरा पुलिस कर्मियों की पिटाई के कुछ मामलों पर आपका ध्यान ले चलते हैं। कानपुर पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय से महज़ 300 मीटर की दूरी पर ड्यूटी कर रहे होमगार्ड सहित ट्रैफिक सिपाही को पीटा गया था इस पिटाई का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस के अफसरों ने कड़ी कार्रवाई की बात कहीं थी लेकिन हाल ए अफसरान पिटाई करने वाले आरोपियों को पुलिस छू भी न सकी। कुछ और समय पहले का वीडियो भी गौर करने लायक है इस वीडियो में दिख रहा सिपाही कानपुर दक्षिण के जूही थाने में तैनात था इस सिपाही को दबंग युवकों ने दोनो हांथ मोड़कर पीटा था हालाकि जब सिपाही की पिटाई का वीडियो मीडिया की सुर्खियों में आया तो पिटाई करने वाले युवकों को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था। वर्दीधारी पुलिस कर्मी पर हमला करना किसी आम आदमी के बस की बात नही होती लेकिन जब कभी ऐसी तस्वीरे सामने आती हैं और हमलावरों पर त्वरित ठोस कार्रवाई नहीं होती तो खाकीधारियों का मनोबल टूटना भी लाज़िमी होता है।

Post a Comment

0 Comments