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74वें गणतंत्र दिवस पर मीडिया ब्रेक की खास प्रस्तुति

* भारत में जहर की तरह फैल रहा भ्रष्टाचार और यौन शोषण * भ्रष्टाचार के मामलों मे भारत को मिली 85वें पायदान पर जगह * भारत में हर 5 मिनट में होता है नाबालिग शोषण * देखिए मीडिया ब्रेक के साथ बदलते भारत की तस्वीर भारत में भ्रष्टाचार चर्चा और आन्दोलनों का एक प्रमुख विषय रहा है। स्वतंत्रता के एक दशक बाद से ही भारत संसद में इस पर भी बहस होती थी। 21 दिसम्बर 1963 को भारत में भ्रष्टाचार के खात्मे पर संसद में हुई बहस में डॉ राममनोहर लोहिया ने कहा था सिंहासन और व्यापार के बीच संबंध भारत में जितना दूषित, भ्रष्ट और बेईमान हो गया है उतना दुनिया के इतिहास में कहीं नहीं हुआ है आज की बात करे तो भारत को भ्रष्टाचार के मामले में 180 देशों के लिए जारी करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2021 में 85वें पायदान पर जगह मिली है। गौरतलब है कि हर साल दुनिया में भ्रष्टाचार की स्थिति को बताने वाला यह इंडेक्स, ट्रांस्पेरेन्सी इंटरनेशनल द्वारा जारी किया जाता है। इस इंडेक्स में 180 देशों को उनके सार्वजनिक क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार के आधार पर 0 से 100 के बीच अंक दिए गए हैं। यहां 0 का मतलब सबसे ज्यादा भ्रष्ट है, जबकि 100 का मतलब सबसे कम भ्रष्ट है। हालांकि इस साल किसी भी देश को 100 में से 100 अंक नहीं मिले हैं। जब तक आप ये खबर देख कर खत्म करेंगे, भारत में एक और बच्ची का बलात्कार हो चुका होगा जी हां निर्भया के दोषियों को आखिरकार फांसी हो गई। सात साल के लंबे इंतजार के बाद बलात्कार के चारों दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5.30 मिनट पर दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दी गई। यह मामला घटना के समय से ही सुर्खियों में रहा, लेकिन बलात्कार के कई मामले ऐसे भी होते हैं जिनमें पीड़िता को इंसाफ नहीं मिल पाता, कई बार तो मामले को दबा भी दिया जाता है नाबालिगों से यौन शोषण के मामले अचानक सुर्ख़ियों में हैं. लेकिन किसी भ्रम में मत रहिएगा। खेतों में, स्कूल के रास्ते में, शौच के लिए जाते वक़्त बलात्कार ग्रामीण महिलाओं की रोज़मर्रा की सच्चाई है और ऐसे मामले बहुत तेज़ी से बढ़ रहे हैं, जो सुर्खियाँ और हैशटैग नहीं बन सके जम्मू-कश्मीर के कठुआ क्षेत्र में आठ साल की बच्ची के साथ बलात्कार व हत्या के बाद उठे क्रोध के राष्ट्रीय ज्वार के बाद ऐसे कई मामले ख़बरों में आये हैं, लेकिन नाबालिग बच्चियों के साथ यौन शोषण की घटनाएं अचानक नहीं बढ़ी हैं। दो अलग-अलग राष्ट्रीय सर्वे कहते हैं कि पिछले दस वर्षों में भारत में बच्चियों के विरुद्ध यौन शोषण के मामले 500% बढे हैं और सारे यौन शोषण अपराधों में 52% बच्चों के विरुद्ध होते हैं। मंदसौर से लेकर कठुआ तक कई दर्दनाक ख़बरें सुर्खियां बनती हैं... आरोपियों को सजा देने की मांग करते हुए भीड़ भी सड़क पर उतरती है लेकिन ऐसे हादसों पर लगाम नहीं ला पा रही.. नाबालिगो के साथ हो रहे बलात्कार के मामलों मे अक्सर यह देखा गया है की परिवार वाले खुद मामला दबाने की कोशिश करते हैं

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