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ड्रामा हुक्का बार कानपुर कमिश्नरेट पुलिस का स्वागत करता है।

कानपुर :- ड्रामा हुक्का बार कानपुर कमिश्नरेट पुलिस का स्वागत करता है। DD Cafe हुक्का बार भी स्वागत का आकांक्षी है। हिचकी आ जाए तो समझ लीजिए चकेरी स्थित Hichaki हुक्का बार ने तसरीफ लाने को याद फ़रमाया है। नाबालिंग ड्रामा हुक्का बार में छल्ले उड़ाएंगे और कोहना थाने वाले साहब कोना पकडे नज़र आएंगे। साहब ! आग्रह स्वीकार कर लीजिए शहर में हुक्का बारों का भी लाइसेंस अपने स्तर से ही ज़ारी करा दीजिए। कहीं सुना था जिन अवैध धंधों को सरकारें रोकने में नाकाम साबित हो जाए उन्हें कानूनी जामा पहनाकर वैध घोषित कर देना चाहिए क्योंकि इससे अपनी नाकामी पर पर्दा भी पड़ जाता है और किसी को उस पर्दे को बेपर्दा करने का हक़ भी नहीं रहता। ख़बर भले ही बहुतेरों को पसंद न आए लेक़िन सलाह जरूर कुछ ख़ास लोगो को पसंद आएगी। कानपुर शहर में चोरी छिपे पुलिस वाले साहब की छत्रछाया में हुक्का बार चल रहे हैं यह कहना बिलकुल गलत है कानपुर शहर की पुलिस इतनी सख़्त है कि हुक्का तो दूर की बात भला किसी की मजाल है कि हुक्के के घुए से छल्ला बनाकर हवा में उड़ा दे। कानपुर कमिश्नरेट की सख़्त पुलिस बेवख़्त ही ऐसे गंदे धुए से छल्ला बना कर उड़ाने वाले को अपनी कलम से उड़ा कर सालाखों के पीछे बाद में पहुंचाएगी पहले उस युवक का छल्ला बनाकर उड़ता पंजाब सा नज़ारा दिखा देगी लेकिन सख़्त मिजाज़ वाले साहब हुक्का चलाने वालों को अपनी सख़्ती का तनिक भी अहसास नहीं कराएंगे क्योंकि प्रतिबंधित हुक्का संचालित कर वह कोई जघन्न अपराध नहीं कर रहे हैं बल्कि बेरोजगारी के माहौल में रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। जी हां, आप भी सोच रहे होंगे की प्रतिबंधित हुक्का चलाकर नाबालिंग बच्चों को हुक्का पिलाकर छल्ला बनाने से भला रोजगार कैसे मिल रहा हैं तो सुनिए ज़रा हम आपको बताते हैं पहले बालिग़ और नाबालिग़ छात्र छात्राओ को चकाचौध रौशनी दिखाकर फ़िल्मी अंदाज़ में हुक्के से छल्ला बनाया जाना सिखाया जाता है जब वह लती हो जाते हैं तो अपनी लत पूरी करने के लिए अपराधिक कृत्य में शामिल हो जाते हैं जिससे पुलिस वाले अंकलो को सरकारी रोजगार समय समय पर मिलता रहता है दूसरा रोजगार चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े बहुतेरे लोगो को मिलता है क्योंकि हुक्का पियक्कडो को बीमाऱ बना देता है जिसकी वजह से पियक्कडो का इलाज़ दवा आदि देने वाले साहबो को रोजगार मिलता है थोड़ा सा रोजगार ड्रामा हुक्का बार, DD Cafe हुक्का बार, चलाने वाले संचालक उन लड़को को देते है जो छात्र छात्राओ को हुक्का सर्व करने का काम करते हैं। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि भले ही कोर्ट वाले बड़े साहब ने हुक्का बारों को गैर कानूनी करार दे रखा हो लेकिन रोजगार को ध्यान में रखते हुए कोहना थाने के ख़ाकी वाले साहब नैतिकता के आधार पर ड्रामा हुक्का बार, गोविन्द नगर थाने वाले साहब DD Cafe चकेरी थाने के चकर मकर में उलझें खाकी वाले साहब भी हिचकी हुक्का बार के जरिए रोजगार बढ़ाने का फुलप्रूफ प्लान रेडी कर क्षेत्र में चल रहे हुक्का बारों से रोजगार की अपार संभावने बेरोजगारो को प्रदान करा रहे हैं। हम तो ख़बर के माध्यम से प्रतिबंधित हुक्का बारों की तस्वीरें दिखाकर कानपुर के पुलिस कमिश्नर महोदय से विनम्र आग्रह करेंगे कि शहर के सभी थानेदारों को निर्देश दे दिए जाए कि वह अपने क्षेत्र में चल रहे हुक्का बारों का विशेष सहयोग करें और ज्यादा से ज्यादा हुक्का बार संचालन के लिए प्रोत्साहित करें जिससे बेरोजगार लोगो को आगामी समय में रोजगार की समस्या से मुक्ति मिल सके। मीडिया ब्रेक की ख़बर किसी भी तरह से प्रतिबंधित हुक्का बारों का समर्थन नहीं करता लेक़िन वर्तमान समय शहर के विभिन्न क्षेत्रों में धड़ल्ले से चल रहे हुक्का बारों के प्रति कानपुर पुलिस का ढीलमुल रवैया बहुत कुछ बया कर रहा है।

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