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जयपुर की महरानी गायत्री देवी का खज़ाना आख़िरकार किसने लूटा

महराजा मान सिंह ने अफगानिस्तान में विद्रोह के दौरान जीता था खज़ाना महराजा मान सिंह ने मुग़ल सल्तनत के हवाले खज़ाना न करके जयगढ़ के किले में छुपा दिया था खज़ाना इंदिरा गांधी की सरकार में आयकर रेड के बहाने पार किया गया था खज़ाना जयगढ़-दिल्ली हाइवे को आम जनता के लिए बंद कर गुपछुप दिल्ली ले जाया गया खज़ाना बादशाहों फ़िल्म में इसी कहानी को गया है दर्शाया वख्त था साल 1975 का जब भारत में आपातकाल लगाया गया था जिसे हम आज भी इमरजेंसी के नाम से जानते हैं यह आपातकाल भारत की सबसे पॉवरफुल गांधी परिवार से ताल्लुक रखने वाली तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन के द्वारा लगाया गया था भारत में आपातकाल लगाने की वजह तो इंदिरा गांधी ने कुछ और ही बताई थी लेकिन इस आपात काल को तब के राजनीतिक पंडितों ने इंदिरा गांधी की कुर्सी बचाने का फार्मूला बताया था। देश जब इमरजेंसी के दौर से गुजर रहा था उसी दौरान राजस्थान की महारानी गायात्री देवी का बेसकीमती खज़ाना लूट लिया गया। जानकारों की माने तो यह खजाना हथियाने के लिए इंदिरा गांधी ने फुलप्रूफ प्लान तैयार कर रखा था इमरजेंसी के मध्य जयपुर की महरानी गायत्री देवी के राजमहल जयगढ़ पर केंद्रीय टीम जा धमकती है महरानी गायत्री देवी को कैद कर लिया जाता है गायत्री देवी समर्थको के बढ़ते गुस्से को देखते हुए इंदिरा सरकार द्वारा बताया जाता है कि जयगढ़ की महरानी गायत्री देवी के यहां इनकम टैक्स रेड चल रही है। जानकारो की माने तो यह इनकम टैक्स की रेड नहीं बल्कि जयगढ़ के खजाने को लूटने की योजना थी आपातकाल में महारानी गायत्री देवी के राजमहल जयगढ़ से हजारों टन सोना लूटा गया था लेकिन इस सोने का कोई पता नहीं चल पाया उस समय जयपुर राजघराने की प्रतिनिधि महारानी गायत्री देवी थी इंदिरा गांधी ने रेड को आयकर विभाग की कार्यवाही करार दिया था लेकिन उसमें पुलिस के दस्ते भी शामिल थे बाद में सेना की एक टुकड़ी भी इस काम में लगाई गई जिनका मकसद राजगढ़ में छुपा हुआ बेसकीमती खजाना निकालना था जो महाराजा मानसिंह के द्वारा अफगानिस्तान में विद्रोह के दौरान जीता गया था कहा जाता है कि खजाना महराजा मानसिंह ने मुगल सल्तनत के हवाले न करके आमेर के किले में छिपा दिया था जयगढ़ के किले के नीचे पानी के सात विशाल टंकियां बनी है माना जाता है कि खजाना इन्हीं टंकियों में छिपा था महल के खजाने की खुदाई करने के बाद यह खबर पूरी दुनिया में आग की तरह फैल गई थी 3 महीनों तक जयगढ़ किले में खजाने की खुदाई का काम चलता रहा जब यह जांच खत्म हुई तो सरकार ने आधिकारिक रूप से कहा कि किले में कोई खजाना नहीं है लेकिन सरकार की इस बात पर संदेह जाता है क्योंकि सेना ने अपना अभियान समाप्त किया तो दिल्ली जयगढ़ हाईवे 24 घंटे तक आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया कहा जाता है कि इस दौरान जयगढ़ किले के खजाने को ट्रकों में भरकर दिल्ली लाया गया था और सरकार इसे जनता की नजरों से छुपा कर रखना चाहती थी हालांकि तत्कालीन महारानी गायत्री देवी का कहना था यह खजाना जयपुर के विकास में लगा दिया गया था लेकिन इतिहासकारों ने इस बात को नहीं माना उन्हें यकीन था कि खजाने का एक बड़ा हिस्सा सरकार ने हड़प लिया था आज तक महाराजा मानसिंह के उस खजाने पर सस्पेंस चल रहा है उस वक्त पूरी दुनिया में राजघराने के खजाने को लेकर हड़कंप मचा हुआ था जयपुर के गाइड आने वाले सैलानियों को यह कहानी सुनाते हुए अक्सर मिल जाएंगे कि इसी राजगढ़ के क़िले से कई ट्रक सोना निकाला गया था।

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