अर्जी लगाने का सही तरीका क्या है .... जानिए
बागेश्वर बालाजी धाम में तीन अलग-अलग प्रकार से लगती हैं अर्जी
मनोकामना पूर्ति के लिए अर्जी लगाने में होता है नारियल का उपयोग
सर्व मानोकमना पूर्ति के लिए लाल कपड़े में नारियल बांधकर लगाई जाती है अर्जी
विवाह या मांगलिक कार्यों में आ रही है अड़चनों के लिए पीले कपड़े में बांधा जाता है नारियल
प्रेत बाधा निवारण के लिए काले कपड़े में नारियल बांध लगाई जाती है अर्जी
हजारों की तादाद में लोग और उनमे उमड़ता आस्था का सैलाब जी हां यह है बागेश्वर धाम का दरबार । कहते हैं आस्था के सामने कोई तर्क या वितर्क नहीं चलता, चलता हैं तो बस विश्वास और भक्तजनों के अंदर बसी श्रद्धा कुछ इसी विश्वास और भक्ति भाव के साथ हजारों भक्त बागेश्वर धाम पहुंच रहे हैं। जिनको यह विश्वास है कि बागेश्वर धाम के दर्शन कर वहां अर्जी लगाने से उनको कष्टों से मुक्ति मिल जायेगी।
भक्ति के इस विश्वास के साथ मीडिया ब्रेक की टीम मध्य प्रदेश स्थित बागेश्वर बालाजी के धाम पहुंची ताकि मीडिया ब्रेक उन सभी भक्तों समेत अपने दर्शकों को जो पहली बार बागेश्वर धाम जा रहे हैं ।
उन्हें सरलता से दर्शन प्राप्त हो सके। साथ ही आपको बालाजी सरकार के सामने अर्जी किस तरह से लगानी है इसकी भी पूरी जानकारी आपके लिए लाए हैं इस खास रिपोर्ट में ।
कैसे लगाए बागेश्वर धाम में अर्जी
इसके लिए सिर्फ मंगलवार को आपको अपने घर पर लाल वस्त्र में नारियल को बांधकर अर्जी (Bageshwar Dham) को अपने पूजा स्थल पर रख देना है। “ॐ बगेश्वराय नमः” की एक एक माला करें यदि बागेश्वर बाला (Bageshwar Dham) जी कृपा हुई तो आपकी अर्जी स्वीकार ली जाएगी।
आपको बता दें धाम में मात्र नारियल से ही तीन प्रकार से अर्जी लगायी जाती है
पदोन्नति के लिए नारियल में लाल कपड़े से वैवाहिक और मांगलिक कार्यक्रमों में आ रही बाधाओं के लिए पीले कपड़े से ।
और प्रेत बाधा तथा नकारात्मक शक्तियों से बचाव के लिए नारियल को काले कपड़े में बाँधकर अर्जी लगायी जाती है
आपको बता दें ।
बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने के बाद 11 21 व 40 दिनों तक कुछ नियमों का पालन करना होता है जिसमें लहसुन प्याज मांस मदिरा का सेवन पूर्ण रूप से वर्जित होता है ।
अर्जी लगाने के बाद प्रतिदिन बागेश्वर बालाजी की तस्वीर के सामने नियमानुसार 3 ya 5माला “ॐ बगेश्वराय नमः” का जाप करते हुए। तीन दिए जलाए जाते हैं व धाम में 1 साल के अंदर भक्तों को हाजिरी लगानी होती है
भक्तगण चाहे तो हर हफ्ते या हर महीने जा कर हाजिरी लगा सकते हैं।
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