कानपुर-
ख़ुशी दुबे जल्द पहुचेगी अपने घर
कानपुर के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने फ़्री लड़ा पूरा केस
निचली अदालत से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक लड़ी लड़ाई
दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के भांजे अमर दुबे से हुई थी ख़ुशी की शादी
बिकरु कांड से महज़ एक दिन पहले हुई थी ख़ुशी अमर की शादी।
ख़ुशी दुबे ! जी हां, यह वह ख़ुशी दुबे है जिसे खुशियां मिलने से पहले ही सब कुछ उजड गया। ख़ुशी की शादी कुख्यात अपराधी विकास दुबे के भांजे अमर दुबे से हुई थी। अमर दुबे ने अपने मामा विकास दुबे के साथ मिलकर बिकरु गांव में 8 पुलिस कर्मियों की निर्दयता से हत्या कर दी थी जिस दिन बिकरु गांव में पुलिस कर्मियों की नृशंस हत्या का ख़ूनी खेल विकास दुबे & कंपनी द्वारा खेला गया था उससे महज़ एक दिन पहले ही अमर दुबे की शादी ख़ुशी दुबे से हुई थी।
अमर दुबे का एनकाउंटर तो पुलिस ने कर दिया लेकिन ख़ुशी को भी अमर के अपराध में शामिल मानकर ख़ुशी को सलाखों के पीछे डाल दिया और तब से खुशी जेल में ही है लेकिन ख़ुशी की इस लड़ाई को कानपुर के अधिवक्ता शिवकांत दीक्षित ने बिना किसी फीस के अपनी तरफ़ से लड़ा। कानपुर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक की इस लड़ाई में समय भले ही ज्यादा लग गया लेकिन अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने हार नहीं मानी और अंततः सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त ख़ुशी को ज़मानत दे दी है अब जल्द ही ख़ुशी अपनी मां के सामने होगी। लोग अभी से क़यास लगा रहे हैं कि ख़ुशी के बाहर आते ही उन पुलिस कर्मियों के नाम भी सामने आएंगे जिन्होंने अमर दुबे के द्वारा किए गए अपराध की सजा ख़ुशी को दी है।
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