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कानपुर देहात में हुए प्रशासनिक उन्माद में मां बेटी जल गई ज़िंदा

कानपुर देहात में हुए प्रशासनिक उन्माद में मां बेटी जल गई ज़िंदा सुनिए मृतिका की बहन कैसे मांग रही इंसाफ प्रशासन से सवाल सिर्फ़ इतना है कि आग की लपटो में घिरी मां बेटी क़ो बचाना जरुरी था या फ़िर बुलडोज़र चलाना ?? जानिए किस-किस अफसर पर हुई एफआईआर और क्या हुई गिरफ़्तारी ?? कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी जिंदा जल गए। जानकारी के अनुसार प्रशासन सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने गया था। जिस घर को गिराया जा रहा था वो लोग मौके पर प्रदर्शन कर रहे थे। यहां पर प्रदर्शनकारियों ने खुद क़ो घर में बंद कर लिया। जिसके बाद घर में लगी आग की लपटो ने जहां मां बेटी क़ो घेर लिया वहीं प्रशासनिक अफसरों ने मां बेटी क़ो आग से बचाने के बजाए उसी घर पर बुलडोज़र चला दिया। मानवीय संवेदनाओं का गला घोटने वाली घटना में मां बेटी ज़िंदा जलकर मर गए तो वही परिवार का मुखिया पिता झुलस गया और बेटा भी मामूली रूप से घायल जरूर हुआ लेक़िन बच गया। मां बेटी के ज़िदा जलते ही प्रशासनिक अफसरों के हांथ पैर फूल गए, अफसर अपने सिपहसालारो के साथ के साथ मौके पर ही गाड़ियां छोड़ भाग गए। आनन फानन में कानपुर मण्डल के अधिकारियों ने कानपुर देहात में डेरा डाल दिया और किसी तरह डैमेज़ कंट्रोल करने की कोशिश में जुट गए। जैसे जैसे मामला तूल पकड़ रहा था वैसे वैसे अफसरों की मुसीबते भी बढ़ रही थी मामले क़ो शांत करने के लिए रूरा थाना अध्यक्ष दिनेश कुमार गौतम समेत 12 से 15 पुरुष व महिला पुलिसकर्मियों सहित मैथा तहसील के एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक सिंह व तीन अज्ञात लेखपाल सहित एक अज्ञात कानूनगो पर भी आईपीसी की धारा 302, 307, 436, 429, 323, 34 के मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है लेक़िन अब तक किसी भी आरोपी की अरेस्टिंग नहीं की गई है मृतक परिजनों की मांग है कि प्रदेश के CM या फ़िर डिप्टी CM घटना स्थल पर आए और ख़ुद देखे कि उनके प्रशासन ने क्या कर डाला।

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