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अचानक और असमय हो रही मौतों का बढ़ा सिलसिला*

*डेस्क* *अचानक और असमय हो रही मौतों का बढ़ा सिलसिला* *अखिर क्या है मौत* *वो बिन बुलाए आती है और बिना मर्जी के साथ लेकर चली जाती है* साइलेंट किलर' बनती जा रही है मौत 10 में से 4 मौतें 45 साल से कम उम्र वालों की, आखिर क्या है मौत देश में इन दिनों अचानक होने वाली मौतों के काफी मामले सामने आ रहे हैं. कभी पार्टी में डांस करते, कभी खेलते हुए, तो कभी जिम करते हुए अचानक शख्स मौत के आगोश में समा जाता है आए दिन हर उम्र के लोग इस स्थिति से गुजर रहे हैं. अचानक खुशियो के बीच मातम पसर जाता है जरा आप भी देखिये इस वीडियो में किस तरह एक खुश मिजाजी दिख रहा शख्स अभी चंद सेकंडो में मौत के आगोश में चला जाएगा देखिये किस तरह यह शख्स हल्दी की रस्म अदायगी के लिए बैठा और कुछ ही पलो में अचानक म्रत्यु का ग्रास बन जाता है अब हर तरफ फैली खुशियां मातम में बदल जाती है हर तरफ चीख पुकार की अखिर ऐसा हुआ कैसे शायद किसी शायर ने ये दो लाइन इसी के लिए लिखी हो कि,,, ,,एक चमक उस के चेहरे पे थी मुझे क्या ख़बर थी कि मर जाएगा,, अब सवाल यह है की अखिर मौत है क्या ? यह तो सभी को पता है की जन्‍म लेने के साथ ही व्‍यक्ति के मौत का समय भी तय हो जाता है लेकिन उस व्यक्ति को उसकी मौत का समय पता नहीं होता मौत से हर कोई डरता है लेकिन मौत का अनुभव व्यक्ति को जीवन की सच्चाई बता जाता है। असमय हुई मौत व्यक्ति को यह बताने के लिए काफी है की दुनिया भर की धन दौलत जमीन जायदाद सब झूठा है कब कौन काल का ग्रास बन जाए कुछ भी नहीं पता इस तरीके की घटनायें देख कर तो बस यही लगता है कि वो बिन बुलाए आती है और बिना मर्जी के साथ लेकर चली जाती है। कब आएगी किसके पास आएगी और किसे अपने साथ ले जाएगी यह कोई नहीं जानता है मृत्यु शब्द नही बल्कि, हिन्दू धर्म के महाभारत ग्रंथ के अनुसार, मृत्यु एक परम पवित्र मंगलकारी देवी है। सामान्य भाषा मे किसी भी जीवात्मा अर्थात प्राणी के जीवन के अन्त को मृत्यु कहते हैं। मौत लालच, मोह,रोग,, कुपोषण के परिणामस्वरूप होती है। मुख्यतया मृत्यु के 101 स्वरूप होते है, लेकिन मुख्य 8 प्रकार की होती है। जिसमे बुढ़ापा, रोग, दुर्घटना, अकस्मती आघात, शोक,चिंता, ओर लालच मृत्यु के मुख्य रूप है।

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