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हुक्का बार संचालन के लिए मिलेगा लाइसेंस

हुक्का बार संचालन के लिए मिलेगा लाइसेंस अब लाइसेंस लेकर परोसा जाएगा हुक्का प्रशासन जल्द शुरू कर सकता हुक्का लाइसेंस की प्रक्रिया यूपी में हुक्का पार्लर संचालित किए जाने का रास्ता साफ हो गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से हुक्का पार्लर्स संचालित किए जाने की नीति तैयार कर आवेदन करने वालों को लाइसेंस जारी करने का निर्देश दिया है। उत्तर प्रदेश में हुक्का पार्लर चलाने के लिए अभी तक कोई गाइडलाइन नहीं थी और जो भी हुक्का बार चल रहे थे, वह सभी अवैध थे। इसके साथ ही कोविड काल के दौरान हुक्का पार्लर के संचालन पर लगाई गई पाबंदी भी अब खत्म कर दी गई है। हुक्का पार्लर के लाइसेंस जारी करने में सरकारी अमला मनमानी ना करे, इसके लिए कोर्ट ने एक महीने की समय सीमा भी निर्धारित कर दी है। यानी जो भी आवेदन किए जाएंगे, उनका निपटारा एक महीने में ही करना होगा। अदालत ने हुक्का पार्लर संचालित करने की गाइडलाइन फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के तहत तैयार किए जाने का निर्देश दिया है। यह आदेश एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस एसडी सिंह की डिवीजन बेंच ने साल 2020 में हाईकोर्ट द्वारा सुओ मोटो लेकर कायम की गई जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। हाईकोर्ट ने सितंबर 2020 में कोविड की महामारी के मद्देनजर पूरे यूपी में हुक्का बार पर पूरी तरह पाबंदी लगाए जाने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश पर यूपी सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी किया था। यह मामला तभी से कोर्ट में चल रहा था। इस बीच कई लोगों ने इस जनहित याचिका में पक्षकार बनाए जाने के लिए अर्जी दी थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर किया था। कई रेस्टोरेंट संचालकों का कहना था कि वह नियमों के मुताबिक हुक्का बार चलाना चाहते हैं लेकिन कोई नियम नहीं होने की वजह से उन्हें लाइसेंस नहीं मिलता और उनके आवेदन खारिज हो जाते हैं। इस पर कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि वह हुक्का पार्लर संचालित करने के लिए एक गाइडलइन बनाएं और जो लोग गाइडलाइन का पालन करने को तैयार हो उन्हें लाइसेंस दिया जाए। कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह आशंका जताई गई कि लाइसेंस देने के नाम पर सरकारी अमला मनमाने तरीके से फाइलों को लटका सकता है। इस पर कोर्ट ने कहा है कि आवेदनों पर 30 दिनों के अंदर विचार कर उस पर फैसला लिया जाए। या तो उसे मंजूर किया जाए या फिर कमियां बता कर रिजेक्ट किया जाए। रेस्टोरेंट संचालकों की तरफ से उनके अधिवक्ता आशीष मल्होत्रा ने पक्ष रखा। संगम नगरी प्रयागरज के रेस्टोरेंट संचालकों ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि वह नियमों के मुताबिक हुक्का पार्लर संचालित करना चाहते थे, लेकिन अभी तक कोई नियम नहीं होने की वजह से उन्हें लाइसेंस नहीं मिलता था। अब वह गाइडलाइन के मुताबिक हुक्का पार्लर का संचालन करेंगे। रेस्टोरेंट संचालक मोहम्मद शाहिद के मुताबिक अदालत का यह फैसला स्वागत करने वाला है। इससे तमाम लोगों को रोजगार भी मिलेगा और संचालकों का उत्पीड़न भी बंद होगा। Bytes - आशीष मल्होत्रा, केस से जुड़े वकील

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