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मजलूमों पर कार्रवाई,दबंगों की रहनुमाई ! वाह अंजन साहब आप तो बड़े अनजान निकले

*मजलूमों पर कार्रवाई,दबंगों की रहनुमाई ! वाह अंजन साहब आप तो बड़े अनजान निकले* *थाने में हुए पथराव पर गुंडों से भयभीत होने की दास्तां बता रहीं एफआईआर* *कमिश्नर साहब ! जरा थाने से CCTV फुटेज़ मंगवा लीजिए सच और झूठ आपके सामने होगा* कानपुर मे भी हो सकता है प्रयागराज जैसा वीभत्स कांड कमिशनरेट पुलिस के थानेदार एसीपी और डीसीपी पुलिस कमिश्नर को करते है गुमराह थाने के अंदर होता है पथराव लेकिन पुलिसिया एफआईआर मे दर्शाया जाता है थाने के बाहर पथराव अपराधी पैदा नहीं होता उन्हे अपराधी बनने का बल देते है चकेरी जैसे थानेदार वह भी सिर्फ़ अपनी नाकामी छुपाने के लिए कानपुर कमिश्नरेट पुलिस के चकेरी थाने के अंदर दबंग पथराव कर देते है जी हां, थाना परिसर के अंदर पथराव होता है जरा देखिए तस्वीरे .... थाने के अंदर पथराव के दौरान चकेरी वाले थानेदार अपनी मद मस्ती से थे और उनके साथी पुलिस कर्मी गुंडो के आंगे दुबके हुए थे जब गुंडे अपने मकसद को अंजाम देकर चले जाते है तब जाकर चकेरी थाने के थानेदार साहब नाइटसूट मे सूटिंग के बाद कलाकारो द्वारा छोड़े गए चिन्हो को देखने पहुचते है इस दौरान जब पीड़ित थानेदार साहब को गुंडो की पटकथा SORRY कांड कथा सुनाता है तो साहब को पीढ़ित पर ही गुस्सा आ जाता है आप भी सुन लीजिए ... अब देखिए चकेरी इंस्पेक्टर अंजन सिंह थाना परिसर मे चलाए गए ईंट पत्थरो को देखते है और फिर अपने वातानुकूलित कक्ष मे बैठ जाते है सुबह होती है तो एसीपी कैंट मीडिया के सामने आते है और बड़ी ही दिलेरी से बयान जारी करते है कि उन्होने क्या कार्रवाई की है आप भी सुन लीजिए और भरोसा रखिएगा यह सिर्फ़ और सिर्फ़ कानपुर पुलिस कमिश्नर की आंखो मे धूल झोकने का मात्र एक स्टंट है जिसकी पूरी हकीकत आंगे आपके सामने लाएँगे । एसीपी साहब का बयान तो सुन ही लिया होगा लेकिन अब जरा गौर कीजिएगा उप निरीक्षक ग्रिजेश कुमार गिरि जो की थाना चकेरी मे दिनांक 24/25 की रात्रि अधिकारी के रूप मे ड्यूटी कर रहे थे गिरी साहब द्वारा जो एफआईआर दर्ज़ कराई गई है वह बेहद अहम है क्योकि इस पूरी एफआईआर मे थाने के अंदर हुये पथराव का जिक्र ही नहीं किया गया है बल्कि अपनी और अपने महकमे की लज्जा हरण करने वाले गुंडो से भयभीत होकर पूरी घटना थाने के बाहर की बता दी गई । कमिश्नर साहब अपने मातहतो पर भरोसा करना तो ठीक होता है लेकिन यह भी समझना चाहिए कि जहा विश्वास होता है वही विश्वासघाट भी सबसे पहले होता है अगर अब भी यकीन न हो तो चकेरी थाना परिसर मे लगे अपने महकमे के सीसीटीवी फुटेज पर नज़र फरमा लीजिए सारी हकीकत और फ़साना आपकी नजरों के सामने होगा ।

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