*फज़लगंज में कट रहीं हैं चोरी की गाड़ियां*
*नये थाना प्रभारी के आते ही फिर गड़रियन पुरवा में अवैध रूप से कटने लगी गाड़ियां*
*कुछ कबाड़ी रातो रात कैसे बन जाते हैं करोड़पति*
*थाना प्रभारी की साठ गांठ से कबाड़ी कर रहें हैं खेल*
शहर में धड़ल्ले से चल रहा है चोरी के वाहनों को काटने का कारोबार
लेकिन पुलिस अपनी आंखें बंद किए है।
शहर स्थित फजलगंज में चोरी के वाहन काटे जाते हैं, जिसके बाद उन्हेंं वहां पर संचालित वाहनों के स्लाटर हाउस में खपाया जाता है। दलालों के मार्फत माल बड़े गोदामों में पहुंचता है। कुछ ही समय में इन वाहनों के पार्ट्स बिक्री के लिए दुकानों तक पहुंच जाते हैं। खरीदारों को ये पाट्र्स नए की तुलना में काफी सस्ते पड़ते हैं। पुलिस को वाहन काटने के ठिकानों की जानकारी भी है, लेकिन वह इन स्लाटर हाउस को पकड़ने की जहमत नहीं उठाती।
इससे यह तो साफ़ हो गया की पुलिस किस तरह गाड़ी काटने वाले कबाड़ीयों के साथ साठ गांठ करके खुद खाओ और हमे भी खिलाओ वाली नीति अपनाए हुए है जी हां आपको बता दें पूर्व थाना प्रभारी का ट्रांसफर होने के बाद नये थाना प्रभारी आशीष कुमार द्विवेदी ने हमराही में अशोक कुमार व अनुराग को चुना है।क्योंकि यह स्पेक्टर सारा दारोमदार इन्ही हमराहो पर छोड़े हुये है। तब से गाड़ी कटर करवाने वालो की चांदी हो गयी हैं। और रातो रात गाड़ियां काटने वाला कबाड़ी से करोड़पति बनने का सफर धड़ल्ले से शुरू हो जाता है। जिसकी गूंज खाकीधारियों के कान तक नहीं पहुंच पाती या यूं कहें कि पुलिस जानबूझ कर कानो में रूई लगाकर अपने हिस्से का पैसा आने का इंतजार करती है
जी हां रात में अक्सर गाड़ी कटने की आवाजें गोदामों से निकलकर रिहाईशी बस्तियों में पहुँचती रहती है। उसके बावजूद थाने में इसकी सूचना पिकेट पर लगने वाली पुलिस व 100 नम्बर इनोवा के स्टाफ में क्यों नहीं पहुंचती है।
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