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मोबाइल टॉवर कम्पनी इंडस मार रही कर्मचारियों का हक

कानपुर - मोबाइल टॉवर कम्पनी इंडस मार रही कर्मचारियों का हक L10N सर्विसेस कम्पनी ने टेक्नीशियन कर्मियों का शुरू उत्पीड़न टॉवर टेक्नीशियन कर्मियों ने खोला मोर्चा... आर-पार की लड़ाई को हुए तैयार मोबाइल टॉवरो की देख रेख का जिम्मा उठा रहे टेक्नीशियन कर्मियों से अब उनकी मेहनत का हक़ छीनकर ठेका प्रथा को बढ़ावा देने वाली L10N सर्विसेस कम्पनी को दिया जा रहा है पिछले 10 -15 वर्षो से इंडस टॉवर लिमिटेड कम्पनी को अपनी सेवाए दे रहे टेक्नीशियन कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाने और अपने चहेते कर्मियों को उनकी जगह नियुक्त करने के लिए L10N सर्विसेस के अधिकारी अब दबंगई के बल पर मोबाइल टॉवरो पर अपने ताले लगा रहे हैं। टेलीकॉम कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष आशुतोष साहू ने बताया कि उत्तर प्रदेश के लगभग 300 टेक्नीशियन कर्मचारी पिछले 10 से 15 वर्षों से अपनी सेवायें क्वीस एसोसिएट के माध्यम से टेलीकॉम टावर कंपनी इंडस टावर लिमिटेड को प्रदान कर रहे हैं इंडस टावर का काम मोबाईल टावर से सभी ऑपरेटरों के नेटवर्क एवं इंटरनेट संचार माध्यम नेटवर्किंग के सभी कार्यों को देख रेख कर पूर्ण रूप से टावर के संचालन की होती है जिसमें क्वीस एसोसिएट के माध्यम से जुड़े इन-हाउस टेक्नीशियन कर्मचारियों को नियुक्त कर योग्यता अनुसार वेतन देकर उनकी सेवाएं ले रही है। लेकिन अब इंडस टावर सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ने अपना पूरा काम ठेकेदारी करने वाली कंपनी L10N सर्विसेस को दे रही हैं जिसमें L10N सर्विसेस अपने अनुसार कर्माचारियों के भुगतान में कटौती कर वेतन भुगतान करेगी। कर्माचारियों के अनुसार वेतन में कटौती के साथ ही इंडस टावर में नियुक्त कर्माचारियों को नौकरी से भी निकाला जा रहा है जिसका विरोध टेलीकॉम कर्मचारी संगठन एवं हिंद मज़दूर किसान यूनियन उत्तर प्रदेश द्वारा किया जा रहा है। यूनियन के अध्यक्ष आशुतोष साहू ने जानकारी दी की 2 वर्ष पूर्व उन्होंने मामले को न्यायालय के समक्ष रखा था जिसका फैसला न्यायालय में विचाराधीन है उसके बाद भी L-10N सर्विसेस के लोगों द्वारा लोकल पुलिस की मिलीभगत से टावरो पर जबरन अपना कब्जा किया जा रहा है साथ ही मौके पर तैनात टावर की देख रेख करने वाले लोगों के साथ मारपीट की जा रहीं है। कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय की शिकायत श्रमायुक्त कार्यालय में की जा चुकी है यदि मजदूर हित में कोई ठोस कदम प्रशासनिक अफसरों द्वारा नहीं उठाया गया तो प्रदेश के समस्त कर्मचारी मुख्यमंत्री से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाएंगे।

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