कानपुर -
बंदर के हांथ अस्तुरा थमा दिया कानपुर विकास प्राधिकरण वाले VC अरविंद सिंह ने
अनुभवहीन को थामा दिया जीवन रक्षक अग्निशमन प्रबंधन का टेंडर
MediaBreak पर देखिए पुख्ता सबूत।
कानपुर विकास प्राधिकरण लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए बहुतेरी मल्टीस्टोरी बिल्डिंगे बना रहा है बिल्डिंगो के निर्माण में गुणवत्ता को बट्टा तो पहले ही अफसरों के चाहेते ठेकेदार लगा चुके हैं लेक़िन अब आकस्मिक घटने वाली आग की घटनाओं से जन जीवन बचाने के लिए लगने वाले फ़ायर इक्यूपमेंट में भी भ्रस्टाचार के पुख्ता सबूत सामने आ चुके हैं लेक़िन KDA के उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने ऐसी चुप्पी साध रखी है जैसे मानों वह कुछ देखना, सुनना और बोलना ही नहीं चाहते।
कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा रामगंगा इंक्लेव नामक मल्टीस्टोरी आवासीय योजना में अग्निशमन प्रबंधन का टेंडर जिस कम्पनी को दिया गया वह तो काम में अनाड़ी निकली लेक़िन टेंडर हथियाने और माल कमाने के लिए माया बिल्डर्स ने जो हथकंडा अपनाया वह हैरान करने वाला है जी हां,टेंडर हथियाने के लिए माया बिल्डर ने KDA अफसरों से सेटिंग के बल पर फ़र्जी अनुभव प्रमाणपत्र लगाकर टेंडर हासिल कर लिया ख़ास बात तो यह रही कि "उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड सोनभद्र इकाई का जो अनुभव पत्र बतौर एक्सपीरियन्स, टेंडर हासिल करने के लिए प्रयोग में लाया गया उसे ख़ुद उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड सोनभद्र इकाई के अपर परियोजना प्रबंधक राम मोहन अग्निहोत्री ने फ़्रॉड करार देते हुए KDA के अधिशासी अभियंता ज़ोन-2 को पत्र लिख़ दिया था लेक़िन फ़िर भी अब तक KDA के उपाध्यक्ष अरविंद सिंह अपने चहेते धोखेबाज ठेकदार से काम कराते रहे और अब MediaBreak के हांथ जब अनुभव पत्र फ़र्जी होने का पुख्ता साक्ष्य हांथ लगे हैं तो KDA VC सामने आकर जवाब देने तक को तैयार नहीं हैं जब इस प्रकरण से संबंधित जांच की बात KDA चीफ़ इंजीनियर से पूछने की कोशिश की गईं तो वह भी टाल मटोल करते दिखाई दिए। हां, चीफ़ इंजीनियर ने इतना जरूर कहा कि कहीं भी फ़ेक दस्तावेजों का प्रयोग करना अपराध की श्रेणी में आता है।
वही रामगंगा इंक्लेव में रहने वाले लोगों की माने तो कानपुर विकास प्राधिकरण के अफसरों ने उन्हें हसीन सपने दिखा कर ठग लिया है।
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