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जब डर गई कानपुर की वो IPS अधिकारी...

कानपुर - जब डर गई कानपुर की वो IPS अधिकारी... पार्टी कार्यकर्ताओं को बता गई स्थानीय निवासी कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में तैनात एक IPS अफसर भयभीत है जी हां,भयभीत। क़ब किससे और क्यों डर लगता है यह हम आपको आंगे बताएंगे। देर शाम कानपुर के साउथ ज़ोन स्थित बर्रा थाने में भारतीय जनता पार्टी के यूवा मोर्चा कार्यकर्ताओं का जमघट लगना शुरू हुआ। इस जमघट की अगुवाई उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना के बेहद करीबी राकेश तिवारी कर रहे थे राकेश तिवारी की अगुवाई वाली भाजयुमो टीम पहले तो बर्रा थाना अध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह के सामने ही उनके मातहतो से उलझ पड़ी और जमकर धक्का मुक्की हुई ऐसा लगा कि कुछ देर में मारपीट की नौबत आ जाएगी। ख़ैर समय रहते भाजपा के पूर्व महामंत्री राकेश तिवारी बीच में आ गए और मारपीट होने-होते रह गई। बर्रा थाने के प्रांगण में भाजयुमो कार्यकर्ता राकेश तिवारी की अगुवाई में धरने पर बैठ गए इस दौरान भाजयुमो दक्षिण ज़िला अध्यक्ष अंकित गुप्ता भी राकेश तिवारी के मौजूद दिखे और फिर धरने में बैठे कार्यकर्ताओं ने जो नारेबाज़ी की वह किसी भी थानेदार को शर्मसार करने के लिए काफ़ी है। धरने पर बैठे भाजयुमो कार्यकर्ताओं को समझाने ACP बाबूपुरवा संतोष सिंह को मौके पर भेजा गया लेक़िन साहब भाजयुमो कार्यकर्ताओं को समझा बुझाकर वापस भेजने में नाकाम साबित हुए। धरने में बैठे दर्जनों भाजपा कार्यकर्ताओं के सामने राकेश तिवारी ने कानपुर कमिश्नरेट पुलिस को कटघरे में खड़ा करते हुए पुलिस थानों में चल रहे भ्रस्टाचार के नए अविष्कार का व्याख्यान कर दिया। ACP संतोष सिंह की असफलता के बाद ADCP अंकिता शर्मा मौके पर पहुंची। भाजयुमो पदाधिकारियों को कार्रवाई का आश्वासन दिया और किसी तरह चलता कर दिया। जब IPS मैडम से मीडिया कर्मियों ने बात की तो मैडम ने कहा कि कुछ स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू किया। जिन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर वापस भेज़ दिया गया। IPS अंकिता शर्मा स्थानीय लोग किंहे बोल रही है यह समझ से परे है क्योंकि धरने की अगुवाई करने वालों से लेकर झड़प तक भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ही कार्यकर्ता नज़र आ रहे हैं हां यह बात जरूर समझी जा सकती है कि जो पार्टी सत्ता में है उस पार्टी का नाम लब्जो पर लाने से डर लगता है। ख़ैर मामला ज़्यादा आंगे बढे इससे पहले कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। जब से बर्रा थाने की कमान इंस्पेक्टर मानवेन्द्र सिंह के हांथ में आई है तब से कई बार भाजपा कार्यकर्ता मानवेन्द्र सिंह के खिलाफ़ मोर्चा खोल चुके हैं आरोप प्रत्यारोप की झड़ी लग चुकी है लेक़िन हर बार भाजपाइयों को कमिश्नरेट पुलिस के सहनशील अफसर जांच का दिलासा देकर चलता कर देते हैं अब देखना बड़ा दिलचस्प हो गया है कि टीम महाना का Next स्टेप क्या होता है।

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